कहीं से भी काम करने की सुविधा को वेतन से अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं कर्मचारी, सर्वें में आया सामने
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 23, 2023 03:33 PM2023-07-23T15:33:09+5:302023-07-23T15:35:25+5:30
एक सर्वे के अनुसार दो-तिहाई लोगों ने मिलीजुली व्यवस्था या रिमोट वर्किंग को प्राथमिकता दी है। बड़ी संख्या में कर्मचारी रिमोट वर्किंग यानी कहीं भी बैठकर काम करने की सुविधा को वेतन से अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।
नई दिल्ली: कोविड महामारी के दौरान दुनिया की हर बड़ी कंपनी ने अपने कर्मचारियों को सुविधा दी कि वो कहीं से भी काम कर सकते हैं। महामारी के दौरान ऑफिस जाने की बाध्यता नहीं रखी गई और यह कर्मचारियों को खूब पसंद भी आई थी। अब एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी रिमोट वर्किंग यानी कहीं भी बैठकर काम करने की सुविधा को वेतन से अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके साथ ही कार्यालय की जगह घर या किसी अन्य स्थान से काम करने की अनुमति देने से कंपनियों को प्रतिभावान कर्मचारी पाने और उन्हें कंपनी में बनाए रखने में मदद मिल रही है।
‘द जॉब सर्च प्रोसेस: ए लुक फ्रॉम द इनसाइड आउट’ शीर्षक वाले एक सर्वे के अनुसार दो-तिहाई लोगों ने मिलीजुली व्यवस्था या रिमोट वर्किंग को प्राथमिकता दी है। जवाब देने वाले 71 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने नौकरी खोजते समय घर से काम करने की आजादी, काम के घंटों में लचीलापन और आवश्यकतानुसार ब्रेक लेने की सुविधा को प्राथमिकता दी।
रोजगार वेबसाइट इनडीड इंडिया के इस सर्वेक्षण में 561 नियोक्ताओं और 1,249 नौकरी चाहने वालों सहित कुल 1,810 व्यक्तियों से बात की गई। सर्वेक्षण में 63 प्रतिशत नौकरी चाहने वालों ने मिलीजुली व्यवस्था यानी घर और कार्यालय दोनों जगह से काम करने की सुविधा को प्राथमिकता दी, जबकि 51 प्रतिशत कंपनियों ने भी अपने संचालन में इस तरह के लचीलेपन की पेशकश की।
बता दें कि कोविड महामारी के समय बनी स्थितियों के सामान्य होने के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वापस दफ्तर बुलाना शुरू किया था। तब यह देखने में भी आया कि लोगों ने नौकरी से इस्तीफा देने में भी हिचक नहीं दिखाई। कर्मचारियों में घर से काम करने की व्यवस्था को प्राथमिकता देने के कारण अब भी कई बड़ी कंपनियां वर्क फ्राम होम कल्चर को बरकरार रखे हुए हैं।