देश में बिजली पारेषण और वितरण नुकसान काफी ज्यादा: समीक्षा

By भाषा | Updated: January 29, 2021 20:05 IST2021-01-29T20:05:15+5:302021-01-29T20:05:15+5:30

Electricity transmission and distribution losses in the country are quite high: Review | देश में बिजली पारेषण और वितरण नुकसान काफी ज्यादा: समीक्षा

देश में बिजली पारेषण और वितरण नुकसान काफी ज्यादा: समीक्षा

नयी दिल्ली, 29 जनवरी देश में बिजली क्षेत्र में पारेषण और वितरण नुकसान काफी ज्यादा है तथा अन्य समकक्ष देशों के मुकाबले कहीं अधिक है। वित्त वर्ष 2020-21 की आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है।

पारेषण और वितरण नुकसान (टी एंड डी) से आशय यह है कि बिजली तो उत्पादित हो रही है लेकिन वह संबंधित ग्राहकों तक नहीं पहुंचती।

देश का टी एंड डी नुकसान उत्पादन का 20 प्रतिशत से अधिक है जो वैश्विक औसत का दोगुना है। टी एंड डी नुकसान का आदर्श स्तर छह से आठ प्रतिशत है।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की अक्टूबर, 2020 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार टी एंड डी नुकसान 2018-19 में घटकर 20.66 प्रतिशत रहा जो 2017-18 में 21.04 प्रतिशत और 2016-17 में 21.42 प्रतिशत था।

समीक्षा में कहा गया है, ‘‘टी एंड डी नुकसान 2001-02 से ही घट रहा है लेकिन अभी भी बहुत ज्यादा है। अन्य समकक्ष देशों की तुलना में यह अधिक है। भारत का टी एंड डी नुकसान काफी ज्यादा है।’’

वितरण कंपनियों में नकदी संकट के कारण क्षेत्र में दबाव को देखते हुए यह बात महत्वपूर्ण है। वितरण कंपनियां नकदी संकट के कारण उत्पादक कंपनियों को समय पर भुगतान नहीं कर पा रही हैं।

बिजली मंत्रालय के प्राप्ति पोर्टल के अनुसार वितरण कंपनियों पर उत्पादक कंपनियों का कुल बकाया नवंबर 2020 में 1.39 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया है। इसमें 1.26 लाख कराड़ रुपये पिछला बकाया है।

पिछला बकाया वह राशि है जिसका भुगतान बिल उत्पन्न होने के 45 दिन के बाद नहीं किया गया।

समीक्षा में यह भी कहा गया है कि बिजली क्षेत्र में मांग (सार्वभौमिक विद्युतीकरण) और आपूर्ति मामले में उल्लेखनीय बदलाव आया है।

इसमें कहा गया है कि देश में बिजली उत्पादन और पारेषण में सराहनीय प्रगति हुई है। कुल स्थापित क्षमता मार्च 2019 में 3,56,100 मेगावाट थी जो मार्च 2020 में बढ़कर 3,70,106 मेगावाट पहुंच गयी।

अक्टूबर, 2020 तक उत्पादन क्षमता बढ़कर 3,73,436 मेगावाट पहुंच गयी। इसमें 2,31,321 मेगावाट तापीय, 45,699 मेगावाट पनबिजली, 6,780 मेगावाट परमाणु और 89,636 मेगावाट नवीकरणीय और अन्य स्रोतों से है।

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Web Title: Electricity transmission and distribution losses in the country are quite high: Review

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