(अर्थ 37 में सुधार के साथ)
नयी दिल्ली, छह अक्टूबर लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से हटने और आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू होने के साथ ही दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ रही है और अब यह 2020 से भी अधिक हो गई है। डिस्कॉम के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
डिस्कॉम के अधिकारियों ने बताया कि इस साल जुलाई, अगस्त और सितंबर के मानसून महीनों के दौरान दिल्ली में बिजली की मांग 2020 के इसी अवधि की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक और 2019 की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है।
कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण बंद की गई आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया मई के अंत तक दिल्ली में शुरू हुई, जिससे कुछ दिशानिर्देशों के साथ उत्पादन और निर्माण कार्य को अनुमति मिली।
बाद में अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के प्रभाव को देखते हुए दिल्ली सरकार ने परिवहन सुविधाओं, दुकानों, बाजारों, कार्यालयों और इस तरह की अन्य गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोल दिया।
उन्होंने बताया कि आर्थिक गतिविधियों को खोलने और फिर से शुरू करने के अलावा, शहर की बिजली की मांग पर मौसम का भी गहरा असर पड़ा है।
मासिक आधार पर विश्लेषण करने पर, दिल्ली में बिजली की मांग 2020 में इसी दिनों की तुलना में 70 प्रतिशत अधिक है।
अधिकारियों ने बताया कि दूसरी ओर, बारिश के मौसम के कारण सितंबर 2021 में व्यस्त समय की बिजली की मांग सितंबर, 2020 की तुलना में कम रही है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले इस साल दो जुलाई को दिल्ली में व्यस्त समय की बिजली की मांग 7,323 मेगावॉट पर पहुंच गई थी। दिल्ली के इतिहास में यह केवल तीसरा वर्ष है जब बिजली की मांग 7,000 मेगावॉट के पार गई है। पार कर गई।
2018 में बिजली की मांग पहली बार 7,000 मेगावॉट को पार कर गई थी। उस समय यह 7,016 मेगावॉट रही थी।
2019 में, यह मांग 7,409 मेगावॉट तक पहुंच गयी थी। 2020 में, दिल्ली में व्यस्त समय की बिजली की मांग केवल 6,314 मेगावॉट थी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।