आत्मनिर्भर भारत के बल पर सात लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग

By भाषा | Updated: December 25, 2021 16:13 IST2021-12-25T16:13:37+5:302021-12-25T16:13:37+5:30

Domestic electronics industry will become seven lakh crore rupees on the strength of self-reliant India | आत्मनिर्भर भारत के बल पर सात लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग

आत्मनिर्भर भारत के बल पर सात लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार के 2.3 लाख करोड़ रुपये के नीतिगत प्रयासों से उत्साहित, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग के अगले वित्त वर्ष में 30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है।

वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रंखला में आगे की ओर बढ़ने के लिए सरकार हालांकि निरंतर प्रयास कर रही है और इसके लिए उसके द्वारा नई नीतियां और प्रोत्साहन योजनाएं लाई जाएंगी लेकिन इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक चिप से संबंधित चुनौती तत्काल उसके सामने खड़ी है और कोरोना वायरस से जुड़े खतरे का अंदेशा भी उद्योग को है।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘स्थानीय विनिर्माण इकाईयों में होने वाला उत्पादन वर्तमान के 18 फीसदी से बढ़कर अगले वर्ष तक 25 फीसदी होने की उम्मीद है। सरकार का देश में कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन को अगले वर्ष तक 30 फीसदी बढ़ाकर 6.9 लाख करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य है।’’

मंत्रालय ने भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 50 फीसदी तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ अगले वित्त वर्ष के लिए 22,000 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव दिया है।

उद्योग संगठन ‘इंडिया सेलुलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसोसिएशन (आईसीईए)’ के मुताबिक 2020-21 में देश में मोबाइल फोन उत्पादन बढ़कर 2.2 लाख करोड़ रुपये हो गया तथा मार्च 2022 तक यह 2.75 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में भारतीय कंपनियों के योगदान के बारे में आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रो ने कहा कि इसकी हिस्सेदारी 2016 में 47 फीसदी थी जो अब घटकर 8 फीसदी हो गई।

बाजार अनुसंधान फर्म टेकआर्क के संस्थापक एवं मुख्य विश्लेषक फैसल कावूसा ने कहा, ‘‘आज हम 50 लाख फोन निर्यात कर रहे हैं। हालांकि भारत से अब तक कोई मजबूत इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड नहीं उभरा है जो स्थानीय स्तर के साथ-साथ और वैश्विक स्तर पर भी पैठ बना सके।’’

हालांकि स्थानीय उत्पादन बढ़ने से उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स का आयात 2020-2 में घटकर करीब 2.85 लाख करोड़ रुपये हो गया जो 2019-20 में 2.9 लाख करोड़ रुपये था। वहीं आईटी हार्डवेयर का आयात 2019-20 के 68,400 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में करीब 79,000 करोड़ रुपये हो गया।

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