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डीएएमईपीएल मामले में डीएमआरसी एस्क्रो खाते में जमा करेगी 1,000 करोड़ रुपये

By भाषा | Updated: December 6, 2021 16:51 IST

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नयी दिल्ली, छह दिसंबर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के पक्ष में आए 4,600 करोड़ रुपये के मध्यस्थता फैसले में अगले 48 घंटों में एक एस्क्रो खाते में 1,000 करोड़ रुपये जमा करेगी।

डीएमआरसी ने यह भी कहा कि वह डीएएमईपीएल को देय 4,600 करोड़ रुपये के भुगतान के एवज में उसपर बकाया कर्ज का भार उठाने के लिए भी तैयार है।

मध्यस्थता पंचाट ने डीएमआरसी को आदेश दिया था कि वह डीएएमईपीएल को 4,600 करोड़ रुपये का भुगतान करे। इस बारे में डीएमआरसी की तरफ से दायर तमाम याचिकाएं निरस्त हो चुकी हैं। उच्चतम न्यायालय ने भी गत 23 नवंबर को अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की अनुषंगी इकाई डीएएमईपीएल डीएमआरसी की एयरपोर्ट मेट्रो लाइन के विकास से जुड़ी हुई थी। लेकिन बाद में वह संरचनात्मक खामियों का हवाला देते हुए इससे अलग हो गई थी। इसी सौदे की विवादित रकम का भुगतान किया जाना है।

न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत से डीएमआरसी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वित्त की कमी से जूझ रही दिल्ली मेट्रो अचानक आई इस देनदारी से निपटने के उपाय तलाशने में लगी है।

मेहता ने कहा, ‘‘हम संभावनाओं की तलाश में लगे हुए हैं। अगर हमें भुगतान करना है तो हमें उसके लिए बैंकों से उधार लेना होगा। हम डीएएमईपीएल का कर्ज अपने ऊपर ले सकते हैं और फिर हम बैंकों से इसका निपटान खुद करेंगे।’’

डीएमआरसी के ही वकील पराग त्रिपाठी ने कहा कि जब डीएमआरसी खुद बैंकों का निपटान करेगी, तो उसमें काफी लचीलापन रहने की संभावना होगी क्योंकि इसमें जनहित का मसला भी शामिल है।

दूसरी तरफ डीएएमईपीएल के वकील राजीव नायर ने कहा कि इस बारे में उन्हें न्यायालय से निर्देश लेने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन पहले देय रकम का निर्धारण हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी गणना के हिसाब से यह रकम 7,000 करोड़ रुपये से भी अधिक बनती है।

नायर ने कहा कि डीएमआरसी को पहले 50 फीसदी रकम अदालत में जमा करनी चाहिए। इस पर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने ऐतराज जताते हुए कहा कि डीएमआरसी के लिए अभी 1,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा करा पाना संभव नहीं है।

इस पर न्यायालय ने डीएमआरसी को 48 घंटों में 1,000 करोड़ रुपये एक एस्क्रो खाते में जमा करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसे भुगतान की कुल रकम के बारे में भी निर्देश लेने होंगे। मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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