आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइलिंग डायरेक्ट टैक्स के मामले में दिल्ली देश के दूसरे राज्यों से आगे है. हालांकि सभी राज्यों से प्राप्त टैक्स आंकड़ों को देखें तो महाराष्ट्र सबसे आगे है. देश की सबसे अधिक बड़ी कंपनियां यहीं रजिस्टर्ड हैं. इस मामले में दिल्ली दूसरे नंबर पर है. 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स देने वाले राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है.
महाराष्ट्र ने 4.3 लाख रुपये टैक्स जमा किया है. 1.7 लाख करोड़ के साथ दिल्ली दूसरे और 1.2 लाख करोड़ रुपये के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है. हाल में जारी डेटा के मुताबिक देश की राजधानी में प्रति आईटीआर औसतन 4.8 लाख रुपये का टैक्स मिला है, जो कि असेसमेंट इयर 2018-19 में देश में सबसे ज्यादा है.
इस मामले में 4 लाख रुपये से अधिक प्रति आईटीआर के साथ दिल्ली के बाद महाराष्ट्र और सिक्किम है, तो सबसे नीचे बिहार है. 2017-18 में कुल डायरेक्ट टैक्स में कॉर्पोरेट टैक्स का हिस्सा 57% है.
आईटीआर-जनसंख्या अनुपात में भी दिल्ली आगे आईटीआर-जनसंख्या अनुपात में भी दिल्ली (16.1) सबसे आगे है तो दूसरे नंबर पर गोवा (11.1) तथा तीसरे स्थान पर गुजरात (9.9) है. इस मामले में सबसे पिछड़े तीन राज्य ओडिशा (2.5), असम (2.5) और बिहार (1.7) हैं.
सरकार को मिला 11.4 लाख करोड़ डायरेक्ट टैक्स असेसमेंट ईयर 2018-19 में सरकार को 11.4 लाख करोड़ डायरेक्ट टैक्स मिला, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.5 फीसदी अधिक है. 2000-01 और 2018-19 के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.9 फीसदी सालाना बढ़ा है. 2000-01 में महज 0.68 लाख करोड़ का टैक्स मिला था जो 10 साल बाद 2010-11 में बढ़कर 4.46 लाख करोड़ हुआ था.
10 हजार करोड़ से 1 लाख करोड़ टैक्स गुजरात, आंध्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, मप्र, केरला, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना से 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक और 1 लाख करोड़ रुपये से कम टैक्स जमा हुआ है.
8 पैन कार्डधारकों में से 1 ही देता है टैक्स जून 2019 तक देश में 46 करोड़ पैन कार्ड जारी हो चुके हैं, लेकिन केवल 6.3 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल हुए हैं. इसका मतलब है कि यदि 8 लोगों के पास पैन कार्ड है तो उनमें से 1 ही आईटीआर फाइल करता है.