सही तरीके से लिए गए बैंकिंग फैसलों के संरक्षण को आपराधिक न्याय प्रणाली की जरूरत: उदय कोटक
By भाषा | Updated: November 2, 2021 23:26 IST2021-11-02T23:26:06+5:302021-11-02T23:26:06+5:30

सही तरीके से लिए गए बैंकिंग फैसलों के संरक्षण को आपराधिक न्याय प्रणाली की जरूरत: उदय कोटक
मुंबई, दो नवंबर राजस्थान पुलिस द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद बैंकर उदय कोटक ने एक अधिक कुशल आपराधिक न्याय प्रणाली का आह्वान किया है जो सही तरीके से लिए जाने वाले वाणिज्यिक/बैंकिंग फैसलों का संरक्षण करे।
जैसलमेर की पुलिस ने मार्च, 2014 में अलकेमिस्ट एआरसी को 25 करोड़ रुपये में बेची गयी शहर की 200 करोड़ रुपये की एक होटल परियोजना में कथित भूमिका के लिए चौधरी को रविवार को उनके दिल्ली स्थित घर से गिरफ्तार किया था। यह परियोजना एक गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) थी। चौधरी सितंबर, 2013 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद से एआरसी के बोर्ड में निदेशक थे।
कोटक ने इस घटनाक्रम पर कहा, "मैंने आज सुबह अखबारों से जो पढ़ा है, उससे ज्यादा मैं कुछ नहीं जानता। और जो मैंने पढ़ा है, उसके आधार पर मुझे लगता है कि हमें वास्तव में एक आपराधिक न्याय प्रणाली की जरूरत है जो सही तरीके से लिए गए बैंकिंग/ऋण फैसलों का संरक्षण करे।"
वह आईएलएंडएफएस के ऋण समाधान के तीन साल पूरे होने के मौके पर उसके बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। कोटक को सरकार ने बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया।
इससे पहले सही तरीके से कारोबारी फैसले लेने वाले बैंककर्मियों के संरक्षण के उद्देश्य से हाल ही में वित्त मंत्रालय ने 50 करोड़ रुपये तक की गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) वाले खातों के लिए समान कर्मचारी जवाबदेही नियम जारी किए।
सरकार ने ईमानदार बैंककर्मियों के संरक्षण के लिए 'कर्मचारी जवाबदेही संरचना' पेश की है जिसके तहत 50 करोड़ तक के ऋण संबंधित सही तरीके से लिए गए फैसलों के गलत होने पर अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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