क्रेडाई का सीमेंट, इस्पात कंपनियों पर साठगांठ का आरोप, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार

By भाषा | Updated: December 18, 2020 19:34 IST2020-12-18T19:34:10+5:302020-12-18T19:34:10+5:30

CREDAI's Cement, Steel companies accuse of nexus, calls for interference from Prime Minister | क्रेडाई का सीमेंट, इस्पात कंपनियों पर साठगांठ का आरोप, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार

क्रेडाई का सीमेंट, इस्पात कंपनियों पर साठगांठ का आरोप, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने सीमेंट और इस्पात के दाम को नियमन के दायरे में लाये जाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। संगठन ने आरोप लगाया है कि इन दोनों क्षेत्रों में आपसी साठगांठ के चलते दाम तेजी से बढ़ा दिये गये हैं जिसका रीयल एस्टेट क्षेत्र पर बुरा असर पड़ रहा है। क्रेडाई ने मामले में सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

कन्फेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसियेसन आफ इंडिया (क्रेडाई) ने दाम में अचानक वृद्धि किया जाना पूरी तरह से अनैतिक है और ऐसा करना अनुचित एवं प्रतिबंधित व्यापार गतिविधियों के दायरे में आता है। सीमेंट और इस्पात विनिर्माताओं की मूल्य निति बाजार में आपसी साठगांठ के तहत उठाया जाने वाले तरीकों का एक स्पष्ट उदाहरण है।

क्रेडाई ने प्रधानमंत्री को भेजे गये पत्र में लिखा है कि इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक सीमेंट के दाम 23 प्रतिशत और इस्पात का दाम 45 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ चुका है। जनवरी 2020 में सीमेंट के 50 किलो के कट्टे का दाम 349 रुपये था जो कि दिसंबर 2020 में बढ़कर 420- 430 रुपये तक पहुंच चुका है।

इसी प्रकार इस साल की शुरुआत में इस्पात का दाम 40,000 रुपये प्रति टन पर चल रहा था जो कि दिसंबर आते आते 58,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच चुका है।

क्रेडाई ने इस संबंध में प्रधानमंत्री और सभी संबंधित मंत्रालयों को पत्र लिखकर उनसे सीमेंट और इस्पात विनिर्माताओं द्वारा की जा रही साठगांठ पर गौर करने का आग्रह किया है।

क्रेडाई के साथ 20 हजार से अधिक रीयल एस्टेट डेवलपर, निर्माण कार्य करने वाले उद्यमी जुड़े हैं। संगठन ने सरकार से मामले में हस्तक्षेप का आग्रह करते हुये कहा है कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट, इस्पात जैसे तमाम कच्चे माल के दाम नियमन के दायरे में लाये जायें।

क्रेडाई ने सरकार को याद दिलाया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र कोरोना वायरस महामारी के दौरान सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा है। संगठन ने कहा है कि आपसी साठगांठ के चलते सीमेंट, इस्पात और दूसरे जरूरी सामान के दाम में लगातार और अचानक हो रही वृद्धि के कारण रियल एस्टेट डेवलपरों की निर्माण लागत बढ़ रही है और इस स्थिति से मकान बनाने और उन्हें लोगों के सुपुर्द करने में देरी हो सकती है। कुछ मामलों में परियोजनायें रुक भी सकती है जिससे कि खरीदारों को उनके फ्लैट मिलने में देरी होगी कुल मिलाकर क्षेत्र पर बुरा असर पड़ेगा।

क्रेडाई के चेयरमैन जक्ष्य शाह ने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र बहुत कम मार्जिन पर काम कर रहा है।

यह क्षेत्र जहां एक तरफ बिना बिके मकानों की समस्या से जूझ रहा है वहीं धन की कमी के चलते अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिये भी कठिन स्थिति से जूझ रहा है। मकानों की मांग स्थिर बनी हुई है इसलिये डेवलपर ने दाम नहीं बढ़ाये हैं और सस्ते मे ही अपने मकान बेच रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को सीमेंट, इस्पात और दूसरे कच्चे माल के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने तुरंत कदम उठाने चाहिये।

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Web Title: CREDAI's Cement, Steel companies accuse of nexus, calls for interference from Prime Minister

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