कोविड-19 प्रभाव: बीते साल आवास बिक्री 37 प्रतिशत, पट्टे पर कार्यालय मांग 35 प्रतिशत घटी
By भाषा | Updated: January 6, 2021 22:00 IST2021-01-06T22:00:53+5:302021-01-06T22:00:53+5:30

कोविड-19 प्रभाव: बीते साल आवास बिक्री 37 प्रतिशत, पट्टे पर कार्यालय मांग 35 प्रतिशत घटी
नयी दिल्ली, छह जनवरी कोरोना वायरस महामारी के चलते बीते वर्ष के दौरान सालाना आधार पर आवास बिक्री में 37 प्रतिशत और कार्यालय पट्टे पर लेने में 35 प्रतिशत की गिरावट रही। हालांकि अंतिम तिमाही में मांग में उल्लेखनीय सुधार हुआ और यह पूर्व-कोविड स्तर के पार पहुंच गयी। संपत्ति को लेकर परामर्श मुहैया कराने वाली कंपनी नाइट फ्रैंक ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
नाइट फ्रैंक ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट ‘इंडिया रियल एस्टेट - आवासीय और कार्यालय अपडेट, दूसरी छमाही 2020’ जारी की। इसमें कंपनी ने कहा कि आठ शहरों में 2020 में आवासीय इकाइयों की बिक्री 37 प्रतिशत कम होकर 1,54,534 पर आ गयी, जो साल भर पहले 2,45,861 इकाइयों पर थी। इसी तरह कार्यालय स्थलों की कुल खपत इस दौरान 2019 के 606 लाख वर्ग फुट से 35 प्रतिशत कम होकर वर्ष 2020 में 394 लाख वर्गफुट पर आ गयी।
हालांकि, अक्टूबर से दिसंबर अवधि के दौरान आवासीय इकाइयों की बिक्री और किराये पर कार्यालय दोनों गतिविधियां साल भर पहले की समान तिमाही की तुलना में अधिक रहीं। चौथी तिमाही के दौरान आवासीय इकाइयों की बिक्री 2019 की 58,402 इकाइयों की तुलना में 61,592 रहीं। इस दौरान कार्यालय स्थलों की मांग 164 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 175 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गयीं।
नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर) में आवासीय बिक्री बीते वर्ष के दौरान सालाना आधार पर 50 प्रतिशत घटकर 21,234 इकाई रह गयी।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 में आठ प्रमुख शहरों में आवासीय संपत्तियों की बिक्री घटकर 1,54,534 इकाई रह गई, जो इससे पिछले साल 2,45,861 इकाई रही थी। सभी आठ प्रमुख शहरों में आवासीय बिक्री में गिरावट आई, जिसमें अहमदाबाद में मांग में सबसे ज्यादा गिरी वहीं पुणे में सबसे कम गिरावट रही। आवासीय बिक्री के लिहाज से अहमदाबाद सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा जहां बिक्री 61 प्रतिशत घटकर 6,506 इकाई रह गयी।
आंकड़ों के अनुसार पुणे में बीते साल आवासीय बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 26,919 इकाई रह गई, जो इससे पिछले साल 32,809 इकाई थी। इसी तरह मुंबई में बिक्री 20 प्रतिशत घटी।
रिपोर्ट में कहा गया कि संपत्तियों के पंजीकरण पर अस्थायी रूप से स्टांप शुल्क में कटौती के बाद 2020 के अंतिम चार महीनों के दौरान मुंबई और पुणे में बिक्री बढ़ी।
दिल्ली-एनसीआर में 2020 के दौरान आवासीय बिक्री 50 प्रतिशत घटकर 21,234 इकाई रह गई, जो इससे पिछले साल में 42,828 इकाई थी। समीक्षाधीन अवधि के दौरान बेंगलुरु में मांग 51 प्रतिशत घटकर 23,079 इकाई रह गयी।
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