अदालत ने एंबिएंस समूह के प्रवर्तक की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा
By भाषा | Updated: December 6, 2021 17:19 IST2021-12-06T17:19:39+5:302021-12-06T17:19:39+5:30

अदालत ने एंबिएंस समूह के प्रवर्तक की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा
नयी दिल्ली, छह नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को मनी लांड्रिंग मामले में एंबिएंस समूह के प्रवर्तक राज सिंह गहलोत की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशलय (ईडी) से जवाब तलब किया। यह मामला 800 करोड़ रुपये की कथित बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़ा है।
न्यायाधीश मनोज कुमार ओहरी ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए एजेंसी से अपना जवाब देने को कहा।
गहलोत की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कारोबारी 28 जुलाई से हिरासत में हैं और मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इसी से जुड़े मामले में सुनवाई अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता वरिष्ठ नागिरक हैं और वह 28 जुलाई से ही जेल में हैं। ईडी (प्रवर्तन निदेशलय) के मामले में अधिकतम सजा सात साल है। आरोपपत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है। याचिकाकर्ता ने हमेशा जांच में सहयोग किया है।’’
ईडी की तरफ से पेश वकील जोहेब हुसैन ने जमानत देने का विरोध किया और जवाब दाखिल करने के लिये समय देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मामले में गंभीर आरोप शामिल हैं, अत: उन्हें जवाब देने के लिये समय चाहिए।
अदालत ने मामले की सुनवाई के लिये छह जनवरी की तारीख तय की है। साथ ही निर्देश दिया कि गहलोत को मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में जमानत देने वाली सुनवाई अदालत के आदेश को रिकॉर्ड में लाया जाए।
उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने अक्टूबर में याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इस बात की प्रबल संभावना है कि जमानत पर रिहा होने पर वह जांच में बाधा डाल सकते हैं।
गहलोत को धन शोधक निरोधक कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।
ईडी के अनुसार, उसकी जांच में पाया गया कि 800 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के एक बड़ा हिस्से की एएचपीएल (अमन होस्पिटैलिटी प्राइवेट लि.), राज सिंह गहलोत और उनके सहयोगियों ने हेराफेरी की है। एचपीएल गहलोत की कंपनी है। यह कर्ज बैंकों के समूह ने होटल परियोजना के लिये दिया था।
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