सीआईआई ने आर्थिक वृद्धि के लिए तीन लाख करोड़ रुपये के वित्तीय प्रोत्साहन की वकालत की
By भाषा | Published: June 17, 2021 06:51 PM2021-06-17T18:51:23+5:302021-06-17T18:51:23+5:30
नयी दिल्ली, 17 जून उद्योग मंडल सीआईआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को तीन लाख करोड़ रुपये के वित्तीय प्रोत्साहन की जरूरत है, जिसमें जन धन खातों के जरिए नकद हस्तांतरण शामिल है।
इसके साथ ही सीआईआई ने तेजी से टीकाकरण पर भी जोर दिया।
सीआईआई के अध्यक्ष टी वी नरेंद्रन ने यह भी कहा कि उद्योग मंडल को उम्मीद है कि 2021-22 में जीडीपी 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि को मजबूत बाह्य मांग और टीकाकरण के प्रसार का लाभ मिलेगा।
उन्होंने तेजी से टीकाकरण के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति पर भी जोर दिया।
नरेंद्रन ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावित लोगों के तनाव को कम करने के लिए उचित वित्तीय उपाय करना वक्त की मांग है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था है और महामारी ने उपभोक्ता मांग को प्रभावित किया है तथा इस वजह से उद्योग मंडल ने नकद हस्तांतरण जैसे उपायों की पैरोकारी की है।
नरेंद्रन ने कहा, ‘‘तीन लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन की आवश्यकता है... तीन लाख करोड़ रुपये तक के अतिरिक्त राजकोषीय प्रोत्साहन की गुंजाइश है।’’
उन्होंने कहा कि आरबीआई को बढ़े हुए प्रोत्साहन को समायोजित करने के लिए अपने बहीखातों का विस्तार करना चाहिए, ताकि उधारी लागत स्थिर बनी रहे।
सीआईआई ने मनरेगा आबंटन बढ़ाने, अल्पकालिक तौर पर कुछ खास क्षेत्रों में जीएसटी कटौती, घर खरीदारों के लिए समयबद्ध कर राहत, ब्याज माफी या स्टांप शुल्क में छूट, पिछले साल की तरह एलटीसी नकद वाउचर योजना, और 31 मार्च 2022 तक आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के विस्तार का सुझाव दिया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।