सीसीपीए ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से की चाय पर आयात शुल्क कम नहीं करने की अपील, बताया क्या होगा असर

By भाषा | Published: August 13, 2020 01:32 AM2020-08-13T01:32:07+5:302020-08-13T01:32:07+5:30

सीसीपीए के अनुसार, 100 प्रतिशत के आयात शुल्क में कोई भी कमी करने से बाजार में सस्ती चाय की बाढ़ आ जायेगी जिससे कीमतों पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

CCPA urges Piyush Goyal not to reduce import duty on tea | सीसीपीए ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से की चाय पर आयात शुल्क कम नहीं करने की अपील, बताया क्या होगा असर

सीसीपीए ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से चाय पर आयात शुल्क कम नहीं करने की अपील की। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsसीसीपीए ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से चाय पर आयात शुल्क कम नहीं करने का आग्रह किया है।सीसीपीए ने कहा कि उस दिशा में कोई भी कदम चाय उद्योग के संतुलन को बिगाड़ देगा।

कोलकाता। भारत में चाय संघों की शीर्ष संस्था वृक्षारोपण संघों की सलाहकार समिति (सीसीपीए) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से चाय पर आयात शुल्क कम नहीं करने का आग्रह किया है क्योंकि उस दिशा में कोई भी कदम चाय उद्योग के संतुलन को बिगाड़ देगा। सीसीपीए के अध्यक्ष विवेक गोयनका ने गोयल को लिखे पत्र में कहा कि इस तरह के किसी भी कदम से घरेलू कीमतों में गिरावट आएगी और इसके बाद चाय बागानों की आर्थिक लाभप्रदता और लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी।

सीसीपीए के अनुसार, 100 प्रतिशत के आयात शुल्क में कोई भी कमी करने से बाजार में सस्ती चाय की बाढ़ आ जायेगी जिससे कीमतों पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इसने कहा कि पिछले एक दशक में भारतीय चाय उत्पादन मुख्य रूप से छोटे चाय उत्पादकों के बढ़ने के कारण तेजी से बढ़ा है, जो कुल उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

पत्र में कहा गया है कि चाय का वार्षिक उत्पादन लगभग 140 करोड़ किलोग्राम है। इसमें 25 करोड़ किलोग्राम का निर्यात किया जाता है और घरेलू खपत का स्तर लगभग 110 करोड़ किलोग्राम है। उत्पादन की तरह चाय की खपत नहीं बढ़ी है। पत्र में कहा गया है कि नेपाल से भारत में चाय आयात एक मुक्त व्यापार समझौते द्वारा शासित होता है, जिसमें आयात शुल्क के भुगतान के बिना ऐसी चाय का आयात किया जाता है।

सीसीपीए ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय ऑर्थोडॉक्स चाय के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाली श्रीलंकाई चाय, एक व्यापार समझौते के तहत आयात के एक निश्चित स्तर तक के लिए 7.5 प्रतिशत की रियायती आयात शुल्क की सुविधा प्राप्त करता है। सीसीपीए ने कहा कि पुन: निर्यात के लिए आयात की जा रही चाय भारत में शून्य आयात शुल्क के अधीन हैं।

उसने कहा कि निरीक्षण संरचना को मजबूत करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आयात के माध्यम से चाय की आमद खाद्य नियामक एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों के अनुरूप हो। इसमें कहा गया है कि इस संबंध में, नेपाल चाय को दार्जिलिंग चाय के रूप में बेचा जा रहा है जिससे घरेलू बाजार में कीमतों में गिरावट है। उन्होंने कहा कि चाय पर आयात शुल्क कम करना और आयात को आसान करना घरेलू उद्योग के लिए हानिकारक साबित होगा।

Web Title: CCPA urges Piyush Goyal not to reduce import duty on tea

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