गुजराती हीरा व्यापारी ने 11 बैंकों को लगाया 2654 करोड़ का चूना, CBI ने मारे छापे
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 6, 2018 10:14 AM2018-04-06T10:14:51+5:302018-04-06T10:25:34+5:30
सीबीआई ने गुरुवार को डायमण्ड पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) की वडोदरा स्थित परिसंपत्तियों पर छापे मारे।
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने गुजरात के वडोदरा स्थित हीरा व्यापारी सुरेश नारायण भटनागर, उनके बेटों अमित और सुमित और कंपनी डायमण्ड पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) के खिलाफ के खिलाफ 11 बैंकों के कन्शॉर्सियम को 2654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की मामला दर्ज किया है। जिन 11 बैंकों को भटनागर पिता-पुत्रों ने चूना लगाया है उनमें सरकारी और प्राइवेट दोनों ही बैंक शामिल हैं। सीबीआई ने दावा किया है कि भटनागर की डायमण्ड कंपनी ने बैंकों को धोखा देने के लिए उन्हें जाली स्टॉक स्टेटमेंट दिए ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा कर्ज मिल सके।
डायमण्ड पॉवर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिफाल्टर (कर्ज न चुकाने वाले) की सूची में डाल रखा था फिर उसे कर्ज दिया गया। आरबीआई ने इस कंपनी को एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन की सतर्कता सूची में भी रखा था लेकिन कंपनी 2654 करोड़ रुपये का लोन लेने में कामयाब रही। सीबीआई ने भटनागर पिता-पुत्रों के अलावा अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई ने गुरुवार (पाँच अप्रैल) को वडोदरा में कंपनी के कई परिसंपत्तियों पर छापा मारा। सीबीआई ने भटनागर के घर और दफ्तर पर भी छापा मारा।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार साल 2008 में बने 11 बैंकों के कंशॉर्सियम में शामिल एक्सिस बैंक ने भटनागर की कंपनी को सबसे अधिक 255.32 करोड़ रुपये का लोन दिया था। वहीं बैंक ऑफ इंडिया ने भटनागर की कंपनी को 670.51 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट दी थी। इनके अलावा भटनागर की कंपनी को बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक ने 348.99 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक ने 279.46 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक ने 227.96 करोड़ रुपये, देना बैंक ने 177.19 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक ने 266.37 करोड़ रुपये और कॉर्पोरेशन बैंक ने 109.12 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था।
बैंकों से लोन लेकर भाग जाने या न चुकाने का मामला पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है। हीरा कारोबारियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 13400 करोड़ रुपये चूना लगाने का आरोप है। मोदी और चौकसी सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने से पहले ही देश छोड़कर चले गये। भारत सरकार ने दोनों का पासपोर्ट रद्द कर दिया है लेकिन दोनों ने ही देश वापस आने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठार के खिलाफ भी पांच हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला चल रहा है।
एक अन्य मामले में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत की कंपनी को दिए 3250 करोड़ रुपये के लोन मामले की भी सीबीआई और आयकर विभाग जाँच कर रहे हैं। सीबीआई ने आईसीआईसीआई के सीईओ चंदा कोचर के देवर से मामले में पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने धूत के अलावा चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को भी जाँच के दायरे में रखा है।