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कैबिनेट का फैसलाः बैंक डूबने पर जमाकर्ताओं को 90 दिनों के भीतर रुपये मिलेंगे, सरकार लाएगी बिल

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 28, 2021 17:53 IST

कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं को उनके 5 लाख रुपये मिलेंगे।

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ठळक मुद्देयेस बैंक, लक्ष्मी विलास सहित कई बैंक दिवालिया हो गए। अनुराग ठाकुर ने कहा कि डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बनाया गया था।निर्मला सीतारमण ने कहा कि DICGC विधेयक 2021 के तहत, सभी जमाओं का 98.3% कवर किया जाएगा।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जमाकर्ताओं को राहत दिया है। हाल ही में कई बैंक डूब गए हैं। येस बैंक, लक्ष्मी विलास सहित कई बैंक दिवालिया हो गए। केंद्र सरकार ने परेशान लोगों को राहत दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डीआईसीजीसी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मंत्रिमंडल ने बैंक बंद होने की स्थिति में खाताधारकों को 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपये तक की अपनी राशि हासिल करने की सुरक्षा देने को लेकर डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डीआईसीजीसी अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसका उद्येश्य किसी संकट के कारण बैंक पर लेन-देन की पाबंदी लागू होने की स्थिति में उसके जमाकर्ताओं को समय पर सहायता सुनिश्चित करने के लिए 90 दिन के भीतर उन्हें पांच लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि प्राप्त करने का अवसर सुनिश्चित करना है। पिछले साल सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को सहायता देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को पांच गुना बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था।

पीएमसी बैंक के डूबने के बाद यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया। जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने आम बजट में की थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था।

मौजूदा प्रावधानों के अनुसार पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा तब लागू होता है, जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। डीआईसीजीसी, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा आवरण देती है।

 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि DICGC विधेयक 2021 के तहत, सभी जमाओं का 98.3% कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के संदर्भ में, 50.9% जमा मूल्य को कवर किया जाएगा। वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80% है। उसने कहा कि इसमें जमा मूल्य का केवल 20-30% शामिल है। इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों और बहुपक्षीय एजेंसियों, सुरक्षा आयोगों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन और बीमा पर्यवेक्षकों के अंतर्राष्ट्रीय संघ के बीच एक बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।

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