Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी मंगलवार को देश के लिए अपना 7वां बजट संसद में पेश करेंगी, जिसके लिए उन्होंने विकसित भारत के नारे को महत्व देते हुए साल 2047 तक विकास की राह पर देश को ले जाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में पिछले 10 साल के मोदी सरकार की परफॉर्मेंस के बारे में भी वो बात करेंगी।
हालांकि, इस बात पर सबकी नजर रहेगी कि क्या वित्त मंत्री आम आदमी को टैक्स में राहत देंगी या नहीं, या फिर आम आदमी के लिए पैसा देंगी। इसके अलावा, बाजार को यह भी उम्मीद है कि राजकोषीय प्रगति पथ पर बने रहने से 2025-26 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।
हालांकि, मोदी सरकार के 3.0 में वित्तीय घाटा सरकार के खर्चों और उसकी आय के अंतर को निकालते हुए वित्तीय घाटा निकाला जाता था, इस बार वित्त-वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए अंतरिम बजट में यह 5.1 फीसदी रहा, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले कम था, उस दौरान 5.8 वित्तीय घाटा सामने आया था। बजट और मार्केट एक्सपर्ट की मानें तो इस बार का पूर्ण बजट पहले से बेहतर रहने वाला है।
इस वित्त-वर्ष के लिए सरकार का पूंजीगत खर्च 11.1 ट्रिलियन रुपये का बजट है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 9.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक है। सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है।
फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में टैक्स रैवेन्यू वित्त-वर्ष 2024-25 में 38.31 ट्रिलियन रहा, जबकि पिछले साल की तुलना में यह 11.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ सामने आया। इसमें प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर + कॉर्पोरेट कर) से 21.99 ट्रिलियन रुपये और अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क + उत्पाद शुल्क + जीएसटी) से 16.22 ट्रिलियन रुपये आया। वहीं, 2024-25 में माल और सेवा कर 11.6 फीसद से बढ़कर 10.68 ट्रिलियन पर पहुंच गया।
जबकि, सरकार की उधारी वित्त-वर्ष से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में 14.13 ट्रिलियन रही थी, सरकार ने अपनी उधारी को पूरा करने के लिए मार्केट से पैसा लिया था।