जैविक खाद्य की स्टार्ट-अप कंपनी केसरवाला ने इस उद्योग को गति प्रदान करने के लिए आगामी बजट में सरकार से प्रोत्साहन की मांग की है। केसरवाला के संस्थापक, दिवाकर भल्ला और यूसुफ खान ने कहा, ‘‘इस उद्योग को देश में प्रयोगशालाओं की संख्या और प्रमाणिकरण करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या के रूप में पर्याप्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। इससे लागत में कटौती करने में मदद मिलेगी जो फिलहाल महंगी हैं।’’खान ने कहा, ‘‘जैविक उत्पाद उगाने के उद्देश्य से खेत की जमीन को फिर से तैयार करने के लिए, जो पूरी तरह से रासायनिक मुक्त हों, एक किसान को कम से कम पांच साल इंतजार करना होगा क्योंकि वह जैविक खेती के लिए उससे पहले उस जमीन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। पांच वर्षो के लिए खेत को खाली छोड़ना काफी लंबी अवधि है। यदि सरकार ऐसे किसानों के लिये सब्सिडी की घोषणा कर सकती है, तो उनके लिये यह एक बड़ी मदद होगी।’’उन्होंने यह भी कहा कि जैविक उत्पादों के सेवन के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। भल्ला ने कहा कि हालांकि, लोग धीरे-धीरे जैविक खाद्य पदार्थों की ओर बढ़ रहे हैं, सभी बड़े और छोटे शहरों में इस दिशा में और कदम उठाए जाने की जरूरत है।उन्होंने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए अमेरिका और यूरोप जैसे देशों से संकेत ले सकते हैं।’’ खान ने कहा कि इसके अलावा कौशल विकास एक अन्य क्षेत्र है, जिसपर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी।
Budget 2020: निर्मला सीतारमण के बजट पिटारे से ऑर्गेनिक फूड इंडस्ट्री को हैं काफी उम्मीदें, ये हैं जरूरतें
By भाषा | Updated: January 23, 2020 13:21 IST
Budget 2020: जैविक उत्पादों के सेवन के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
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ठळक मुद्देजैविक खाद्य की स्टार्ट-अप कंपनी केसरवाला ने इस उद्योग को गति प्रदान करने के लिए आगामी बजट में सरकार से प्रोत्साहन की मांग की है। ‘इस उद्योग को देश में प्रयोगशालाओं की संख्या और प्रमाणिकरण करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या के रूप में पर्याप्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।