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बजट 2019: साल 2014 से 2018 के बजट में मोदी सरकार से एजुकेशन सेक्टर में क्या मिला खास, यहां जानें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 2, 2019 12:34 IST

आम चुनावों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष का अंतरिम बजट शुक्रवार 1 फरवरी 2014 को पेश किया था। इसके बाद से मोदी सरकार अगल-अलग क्षेत्रों में कई योजनाओं की घोषणा की।

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नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार (5 जुलाई) को पेश होगा। नवनियुक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2019-20 का पूर्ण बजट लोकसभा में 5 जुलाई को पेश करेगी। 

आम चुनावों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष का अंतरिम बजट शुक्रवार 1 फरवरी 2014 को पेश किया था। इसके बाद से मोदी सरकार अगल-अलग क्षेत्रों में कई योजनाओं की घोषणा की। ऐसे में जानते हैं कि 2104 से लेकर 2018 तक मोदी सरकार ने एजुकेशन सेक्टर में क्या खास दिया है। इसके अलावा शिक्षा को लेकर मोदी सरकार क्या घोषणा कर सकती है।बजट 2018-19 में शिक्षा के लिए क्या था खास

- साल 2018-19 के आम बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 85 हजार 10 करोड़ रुपये आवंटित की गई थी। -  इसमें से 50 हजार करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा के लिए, जबकि 35,010 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने का प्रावधान किया गया था।- नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आदिवासियों के लिए एकलव्य स्कूल खुलेंगे। - इंस्टिट्यूट्स ऑफ एमिनेंस स्थापित करने की योजना। - वडोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रस्ताव। - आईआईटी और एनआईटी में 16 नए प्लानिंग ऐंड आर्किटेक्चर स्कूल ऑटोनोमस मोड में स्थापित होंगे। - नैशनल सोशल असिस्टेंट प्रोग्राम के तहत कई काम किए जा रहे हैं। - शिक्षकों का भी स्तर सुधारना,13 लाख से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का लक्ष्य है। - देशभर से एक हजार बीटेक छात्र-छात्राओं को आईआईटी में रिसर्च के लिए चुना जाएगा और इन्हें सरकार आकर्षक फेलोशिप देगी।

शिक्षा बजट साल 2017-18 के लिए खास

- 2017-18 के केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने एजुकेशन सेक्टर को 79686 करोड़ रुपये आवंटित किए।- इसमें स्कूली शिक्षा के लिए 46356.25 करोड़ और बाकी की रकम उच्च शिक्षा के लिए दी गई। - उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन कोर्सेज की शुरूआत होगी।- झारखंड और गुजरात में एम्स खुलेंगे। -सरकार ने देशभर में 1500 बहु कौशल प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना करने का निर्णय किया है । 

शिक्षा बजट साल 2016-17 के लिए क्या था खास

- तीन सालों में कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का ऐलान किया गया था।- सरकार ने एक हजार करोड़ रूपये के आरंभिक पूंजी आधार के साथ उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (हेफा) स्थापित करने का फैसला किया है जिसकी निधियों का इस्तेमाल सरकार देश की शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं में आधारभूत ढांचे के सुधार के लिए करेगी। - बजट में राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए 28010 करोड़ रूपये आवंटित करने का प्रस्ताव है।- जिसमें से सर्व शिक्षा अभियान के लिए 22500 करोड़ रूपये रखे गए हैं।-  विद्यालयों के लिए मध्याहन भोजना राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 9700 करोड़ रूपये और एकीकृत बाल विकास योजना के मद में 16120 करोड़ रूपयों का प्रस्ताव किया गया है।

साल 2015-16 में क्या हुआ था

- वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के लिए 28,635 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 4966 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था।- ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों तक बेहतर शिक्षा सस्ते दामों पर प्रदान की जाए।- लड़कियों की शिक्षा के लिए महिला बैंक एजुकेशनल लोन की सुविधा उपलब्ध कराए।- पंजाब, हिमाचल, असम, जम्मू-कश्‍मीर और तमिलनाडु में एम्स बनाए जाएंगे।- धनबाद के आईएसएम को पूर्ण आईआईटी का दर्जा दिया जाएगा।- कनार्टक में आईआईटी और जम्मू में आईआईएम बनाया जाएगा।- महाराष्‍ट्र में तीन नेशनल फार्मा इंस्‍टीट्यूट खुलेंगे।

साल 2014-15 में क्या हुआ था

- पहले चरण में सभी बालिका विद्यालयों में शौचालय और पेयजल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।- इसमें सर्वशिक्षा अभियान(एसएसए) के लिए रू 28635 करोड़ तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा - अभियान (आरएमएसए) के लिए 4966 करोड़ की राशि प्रदान की जा रही है।- 30 करोड़ की आरंभिक लागत से स्कूल आकलन कार्यक्रम आरम्भ किया जाएगा।- नए प्रशिक्षण उपकरण लगाने और अध्यापकों के प्रोत्साहन हेतु "पंडित मदनमोहन मालवीय नए अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम" हेतु 500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।- ज्ञान बढाने और ऑनलाइन पाठ्यक्रम हेतु संचार से जुडी प्रणाली के रूप में वास्तविक कक्षाओं की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।- मध्य प्रदेश में जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय मानविकी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।- जम्मू, छत्तीसगढ़, गोवा, आन्ध्र प्रदेश और केरल में 5 और आईआईटी की स्थापना हेतु 500 करोड़ दिये गए हैं।- हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार, उड़ीसा और राजस्थान में 5 आईआईएम।-  उच्च अध्ययन हेतु शिक्षा सम्बन्धी ऋण के लिए मानदंडो का सरलीकरण।

बजट 2019 में ये है उम्मीदें

शुक्रवार  को पेश होने वाले  बजट में शिक्षा क्षेत्र में काफी उम्मीदे हैं। खासतौर पर हायर एजुकेशन के छात्रों को लुभाने के प्रयास किए जा सकते हैं। वहीं छात्रों को भी इस बजट से काफी उम्‍मीदें हैं। इस साल एजुकेशन सेक्‍टर में डिजिटल इंडिया की झलक दिख सकती है। वहीं कई छात्रों को एजुकेशन लोन में छूट और सरलता की उम्‍मीद है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार आगामी बजट में एजुकेशन सेक्टर में छात्रों और शिक्षकों के उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे। यह तो 1 फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद ही पता चलेगा। 

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