अरुण जेटली आज नरेंद्र मोदी सरकार का पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे। चूंकि 2019 के चुनाव के पहले ये मोदी सरकार का आखिरी बजट होगा, इसलिए सभी की नज़र होगी क्या घोषणा होती है इस साल के बजट में। मोदी सरकार ने ज़िम्मा संभालते ही अपना पहला बजट पेश किया था लेकिन बजट में हमेशा से जारी लुभावनी घोषणाओं से सरकार बचती रही है। ये बजट इस लिहाज़ से भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल आठ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और चार राज्यों में अगले साल की शुरुआत में। ये चुनावी बजट है तो लोगों की अपेक्षा है कि कुछ राहत आम आदमी को मिल सकती है। एक नज़र डालते हैं आज के अख़बार क्या कहते हैं बजट से अपेक्षा के बारे में।
हिन्दुतान के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार अपने अंतिम बजट में लघु और मझोले उद्योगों को सौग़ात मिल सकती है। सरकार उद्योगों को नई तकनीक अपनाने के लिए माँग पर भी कुछ निर्णय ले कर घोषणा कर सकती है। हिंदुस्तान के मुताबिक़ शेयर निवेश पर भी कर छूट खत्म हों सकती है।
नवभारत टाइम्स के अनुसार बजट में टैक्स में छूट मिल सकती है और सरकार नौकरियों की सौगात भी मिल सकती है। युवाओं को उम्मीद है कि अपने अंतिम बजट में मोदी सरकार नौकरियों का तोहफा दे सकती है। वहीं वरिष्ठ नागरिको की भी मांग है कि उन्हें भी टैक्स में छूट मिले क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य के संबंध में ज़्यादा सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
दैनिक जागरण के अनुसार बजट में मध्यम वर्ग पर फोकस रहेगा और सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है। वित्त मंत्री पर अपने वादे पूरे करने का भी द्वबाव रहेगा। सरकार अपने रक्षा बजट में भी कोई कटौती नहीं करेगी और विनिवेश से रक़म जुटाने का लक्ष्य भी तय होगा। उद्योग जगत भी कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की अपेक्षा कर रहा है और चुनावी बजट में उन्हें उम्मीद है कि इस बार इस पर भी कोई निर्णय होगा।