क्या महिलाओं की इन 10 उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट?

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 1, 2018 10:52 AM2018-02-01T10:52:13+5:302018-02-01T10:53:09+5:30

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण कालिक बजट पेश कर रहे हैं। जेटली की पो�..

Budget 2018: 10 expectations of women from last full budget of the Modi Government | क्या महिलाओं की इन 10 उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट?

क्या महिलाओं की इन 10 उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट?

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण कालिक बजट पेश कर रहे हैं। जेटली की पोटली से महिलाओं को काफी उम्मीदें हैं। सैनेटरी पैड को जीएसटी से बाहर रखने की मांग के साथ महिलाओं की बजट से बहुत-सी उम्मीदें बंधी हैं। महिलाएं चाहती हैं कि बजट में महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए राशि आवंटित नहीं होनी चाहिए, बल्कि महिला सुरक्षा को बजट में खास तवज्जो मिले। निर्भया फंड में सुरक्षा के नाम पर आवंटित राशि दोगुनी किए जाने की जरूरत है। रसोई में इस्तेमाल होने वाली रोजमर्रा की चीजें सस्ती हों। बजट में स्त्री शिक्षा पर अधिक खर्च हो और महिला किसानी को सुगम बनाया जाए। आज पेश हो रहे बजट से जुड़ी सभी बड़ी अपडेट के लिए यहां क्लिक कीजिए- लोकमत न्यूज- बजट 2018

मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट से महिलाओं को हैं ये 10 उम्मीदें...

- इस बार बजट में महिला सुरक्षा के नाम पर ज्यादा पैसा आवंटित किया जाए।
- महिला अपराधों के निपटारे के लिए अधिक संख्या में त्वरित अदालतों के लिए धन आवंटित हो।
- स्त्री शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। बजट में महिलाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को तरजीह दी जाए।

निर्भया की मां आशा देवी का कहना है,

"मैं चाहती हूं कि इस बार बजट में महिला सुरक्षा के नाम पर ज्यादा पैसा आवंटित किया जाए। निर्भया फंड दोगुना होना चाहिए। महिला अपराधों के निपटारे के लिए अधिक संख्या में त्वरित अदालतों के लिए धन आवंटित हो। स्त्री शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। बजट में महिलाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को तरजीह दी जानी चाहिए।"

- महिला सुरक्षा के नाम पर पिछले बजट में आवंटित लगभग 1.86 करोड़ रुपये की धनराशि को बढ़ाया जाना चाहिए।
- सैनेटरी पैड से जीएसटी हटे, ताकि यह सभी महिलाओं की पहुंच में आ सके। 
- महिलाओं की उच्च शिक्षा सस्ती की जाए, उन्हें नया कारोबार शुरू करने के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो। 
- दिल्ली सरकार के मातृत्व लाभ कार्यक्रम के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी होनी चाहिए।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का कहना है,

 "इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण गुलाबी रंग की फाइल में बंद था, जो महिला सशक्तीकरण का प्रतीक रहा। उम्मीद है कि बजट भी महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित होगा। महिला सुरक्षा के नाम पर पिछले बजट में आवंटित लगभग 1.86 करोड़ रुपये की धनराशि को बढ़ाया जाना चाहिए। सैनेटरी पैड से जीएसटी हटे, ताकि यह सभी महिलाओं की पहुंच में आ सके। महिलाओं की उच्च शिक्षा सस्ती की जाए, उन्हें नया कारोबार शुरू करने के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो। दिल्ली सरकार के मातृत्व लाभ कार्यक्रम के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी होनी चाहिए।"

- इस बार का बजट समान काम, समान वेतन के नारे के साथ पेश होना चाहिए। 
- महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर देने के लिए रोजगार केंद्रों और महिला उद्योग कौशल पर ज्यादा पैसा खर्च हो।

कवयित्रि एवं उपन्यासकार इला कुमार का कहना है,

''मनु संहिता में कहा गया है कि महिलाओं की सुरक्षा करने से बेहतर है कि उन्हें खुद की सुरक्षा करना सिखाया जाए। इसके लिए देशभर में आत्मसुरक्षा से संबंधित केंद्रों की स्थापना के लिए पैसा आवंटित हो। देश के हर शहर में अकेली रह रहीं महिलाओं के लिए सस्ते आवास होने चाहिए। कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए क्रैच की सुविधाओं के लिए अत्यधिक पैसा बजट में आवंटित होना चाहिए।"

- राष्ट्रीय बालिका माध्यमिक शिक्षा प्रोत्साहन योजना और एकीकृत बाल विकास सेवाओं में किशोरियों के लिए बड़े फैसले लिए जाएं।

- महिला करदाताओं की मांग है कि सरकार उन्हें बजट में कुछ ज्यादा कर छूट दे।

* समाचार एजेंसी IANS से इनपुट्स लेकर

Web Title: Budget 2018: 10 expectations of women from last full budget of the Modi Government

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