पटनाः बिहार सर्किल के मुख्य महाप्रबंधक रविन्द्र कुमार चौधरी ने सोमवार को बताया कि बिहार में कुल 2958 4जी मोबाइल बीटीएस लगाने की परियोजना पर काम चल रहा था, जहां सभी मोबाइल बीटीएस लगा दिए गए हैं। इसमें से 2550 4जी मोबाइल बीटीएस आज कार्यरत हैं। इसके साथ ही 4जी सैचुरेशन परियोजना के तहत 90 बीटीएस लगाने की योजना के अनुरूप अब तक 86 बीटीएस चालू कर दिये गए हैं, जो बिहार राज्य के निम्नलिखित जिलों में कार्यरत हैं। इसमें रोहतास, कैमूर, गया, नवादा, मुंगेर, जमुई एवं लखीसराय। अब तक मोबाइल सुविधा से वंचित 210 ग्रामीण इलाकों/गांवों में बीएसएनएल की 4जी सेवा अब कार्यरत हो गई है। उन्होंने बताया कि हमारी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की सुरक्षा एजेंसियां जैसे सीमा सुरक्षा बल के लिए 15 मोबाइल टावर चालू कर दिए गए हैं एवं 4जी की सेवा सुचारू रूप से कार्य कर रही है।
जिससे हमारे सीमा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को 4जी की सेवाएं सुचारू रूप से मिल रही है। हमारे ग्राहकों को कॉलिंग संबंधीशिकायतों के मद्देनजर वोल्ट की सुविधा लगभग 2.5 लाख 4जी ग्राहकों को प्रदान कर दी गई है। सभी ग्राहक अपने मोबाइल सेट से वोल्टको सक्रिय कर सकते हैं।
चौधरी ने बताया कि डेटा ट्रैफिक में लगातार वृद्धि दर्जकरते हुए 4जी सेवा 85 हजार मेगाबाइट की ट्रैफिक आंकड़ा को पार कर लिया गया है। जिससे डेटा ट्रैफिक दिन प्रति दिन नई उंचाई को छू रहा है। अब बीएसएनएल अपनी एक औरमहत्वपूर्ण परियोजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगे 250 मोबाइल टावर को 2जी सेवाओं से उन्नत करते हुये 4जी सेवाओं में बदलने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
जिसके तहत लगभग 20 टावर नक्सल प्रभावितक्षेत्रों में 2जी मोबाइल को 4जी मोबाइलसेवा में बदल दिए गए हैं और ये 250 2जी के मोबाइल टावर अगले एक महिने में बदल देने की कार्रवाई पूरी कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इन सभी उपलब्धियों के लिए बीएसएनएल परिवार टीसीएस, तेजस, सी-डॉट, सेरागॉन, एचएफसीएल के सभी सहयोगी कर्मियों एवं अधिकारियों को बीएसएनएल की तरफ से हार्दिकबधाई देते हैं एवं शुक्रिया अदा करते हैं।