10 करोड़ कीमत और 30000 से ज्यादा बच्चों के पिता से मिले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव!, देखें तस्वीरें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 23, 2023 03:57 PM2023-12-23T15:57:34+5:302023-12-23T15:59:45+5:30
Bihar Tejashwi Yadav: मुर्रा नस्ल पालतू भैंस की एक नस्ल है, जो दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है।
Bihar Tejashwi Yadav: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ घोटाला मामले में शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नया समन जारी किया और उनसे पांच जनवरी 2024 को पेश होने को कहा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस बीच यादव पटना किसान मेला पहुंच गए।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर लिखा है। पटना के वेटनरी कॉलेज परिसर में आयोजित किसान मेले में आकर्षण का केंद्र बने 10 करोड़ की कीमत और 30000 से ज्यादा बच्चों के पिता मुर्रा नस्ल के भैंसे से मिलने पहुँचा। मुर्रा नस्ल पालतू भैंस की एक नस्ल है, जो दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है।
पटना के वेटनरी कॉलेज परिसर में आयोजित किसान मेले में आकर्षण का केंद्र बने 10 करोड़ की कीमत तथा 30 हजार से ज्यादा बच्चों के पिता मुर्रा नस्ल के भैंसे से मिलने पहुँचा।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 23, 2023
मुर्रा नस्ल पालतू भैंस की एक नस्ल है, जो दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे… pic.twitter.com/MrrsPxvLBk
इस नस्ल की भैंसों को 'काला सोना' कहा जाता है। अगर किसानों को दुग्ध उत्पादन में बेहतरीन कमाई करनी है तो वह गाय के साथ अच्छी नस्ल की एक-दो भैंस का पालन जरूर करें, इससे दूध में कभी कमी नहीं आएगी। हमारी सरकार विभिन्न लाभकारी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु किसानों को पशुपालन, मुर्गीपालन एवं मत्स्य पालन व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
इससे पहले, ईडी ने तेजस्वी (34) को 22 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। तेजस्वी ने ईडी के नोटिस को नियमित प्रक्रिया बताया था। तेजस्वी के पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को इस मामले में 27 दिसंबर को दिल्ली में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।
यह कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद (75) संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी ए. के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की थी।