Bhagwat Karad Interview: महंगाई से कैसे निपटेंगे, कौन-कौन से कदम मोदी सरकार ने उठाए, जानिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने क्या कहा

By शरद गुप्ता | Published: July 6, 2022 09:39 AM2022-07-06T09:39:05+5:302022-07-06T09:39:05+5:30

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता से मौजूदा अर्थव्यवस्था की स्थिति और महंगाई जैसे मुद्दे पर बात की। पढ़िए बातचीत के मुख्य अंश...

Bhagwat Karad Interview reveals how Modi govt dealing with inflation, and how gst collection gets increased | Bhagwat Karad Interview: महंगाई से कैसे निपटेंगे, कौन-कौन से कदम मोदी सरकार ने उठाए, जानिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने क्या कहा

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड एक सर्जन भी हैं, जिन्होंने हाल ही में एक विमान यात्री और एक फोटोग्राफर की जान बचाई. उन्होंने लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता से वर्तमान अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं विशेषकर तेजी से बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर बात की. प्रस्तुत हैं मुख्य अंश...

- एक मंत्री के रूप में, क्या आप एक डॉक्टर की तरह अपने कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम हैं?

लोगों की भलाई सुनिश्चित करना मेरे द्वारा किए जाने वाले हर काम का मूल है. डॉक्टर बनने के बाद से मैं रोज प्रैक्टिस कर रहा हूं और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी मैंने इसे बंद नहीं किया है.

- वित्त राज्य मंत्री के रूप में काम करने में डॉक्टर का प्रशिक्षण आपके लिए कितना मददगार रहा है?

एक डॉक्टर के तौर पर आपकी एक भी गलती किसी की जान ले सकती है. मैंने अपने काम के बारे में बेहद ईमानदार और मेहनती होने का मूल्य सीखा है, खासकर सार्वजनिक कामों में. मंत्रालय में वही परिश्रम और भावना मेरे सभी फैसलों में झलकती है.

- पिछले महीने थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 15.88 प्रतिशत रहा, जो पिछले 30 वर्षाों में सबसे अधिक है. क्या है महंगाई बढ़ने की वजह?

मुद्रास्फीति एक मौद्रिक घटना है. यह कई कारकों से प्रभावित होती है जैसे कि प्रचलन में बढ़ी हुई मुद्रा, वित्तीय लेनदेन में वृद्धि, देश का निर्यात और आयात, सार्वजनिक खर्च, ट्रेड यूनियनें आदि. साथ ही, हमें यह याद रखना चाहिए कि जिस तरह से दुनिया व्यापार करती है, कोविड-19 महामारी उसमें कई संरचनात्मक परिवर्तन लाई है.

- जब थोक मूल्य सूचकांक अधिक होता है तो खुदरा में बेचे जाने वाले सामान के भाव भी बढ़ जाते हैं. आम आदमी को महंगाई से बचाने के लिए क्या कर रही है सरकार?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में  8 रु. प्रति लीटर और डीजल पर 6 रु. प्रति लीटर की कटौती की है. हमने स्टील और प्लास्टिक उद्योग के लिए प्रमुख कच्चे माल और इनपुट पर आयात शुल्क भी कम किया है. हमने 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और कच्चे सूरजमुखी के तेल के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी है. हमने चीनी के निर्यात की सीमा तय की है. हमारी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 200 रुपए प्रति सिलेंडर सब्सिडी भी दी है. इससे करीब नौ करोड़ लाभार्थियों को फायदा होगा. सार्वजनिक तेल उपक्रम भी भारी नुकसान वहन कर रहे हैं, क्योंकि वे कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि को उपभोक्ता तक पहुंचने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं.

- पिछले कुछ महीनों में जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ है. आपको क्या लगता है इसका कारण क्या है?

जीएसटी की शुरुआत के कारण अनियमित क्षेत्र का बड़े पैमाने पर नियमितीकरण हुआ है. महामारी के बाद से, व्यवसायों ने वास्तव में तेज सुधार दिखाया है. किए जाने वाले प्रमुख परिवर्तनों में से एक रिटर्न फाइलिंग के बारे में था. हमने न केवल जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि हमने सब कुछ अधिक पारदर्शी बना दिया है. केंद्र और राज्यों दोनों ने अनुपालन को आसान बनाने के लिए उपाय किए हैं, जैसे एसएमएस के माध्यम से शून्य फाइलिंग, त्रैमासिक रिटर्न, मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) प्रणाली को सक्षम करना और ऑटो-पॉपुलेशन ऑफ रिटर्न. रिटर्न फाइलिंग को अनुक्रमिक बनाने के बाद बेहतर भुगतान और फाइलिंग व्यवस्था बनी है. आईटी आधार के सुदृढ़ीकरण व सुधार और प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रमों से जीएसटी संग्रह में काफी मदद मिली है.

- पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार में काफी गिरावट आई है. क्या आम आदमी का पैसा सुरक्षित है?

शेयर बाजार का कामकाज अंतरराष्ट्रीय बाजारों, अंतरराष्ट्रीय नीतियों और परिदृश्यों और घरेलू नीतियों के बीच जटिल संबंधों का परिणाम है, लेकिन अपनी मजबूत आर्थिक नींव के साथ हमें यकीन है कि वापस उछाल आएगा.

- बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. पिछले 2 साल के दौरान सरकारी भर्ती पर रोक थी. क्या बेरोजगारी भी अग्निवीर योजना के विरोध के मूल में एक मुद्दा है?

मई में भारत में कार्यरत लोगों की संख्या में दस लाख की वृद्धि हुई, जिससे देश में कार्यरत लोगों की कुल संख्या 40.4 करोड़ हो गई और इसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी दर अप्रैल में 7.83 प्रतिशत से घटकर मई में 7.12 प्रतिशत हो गई. जहां तक अग्निपथ योजना का संबंध है, यह हमारे देश के अग्निवीरों के लिए पूरी तरह क्रांतिकारी होगी.

- मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसी योजनाओं के बावजूद मैन्युफैक्चरिंग नहीं बढ़ रही है. क्या यह भी बेरोजगारी का कारण है?

वास्तव में, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 200 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि देखी गई है. जब आप 2019-20 से तुलना करते हैं तो यह छलांग 400 प्रतिशत से भी अधिक है. मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए चल रही मौजूदा योजनाएं, विनियमन में आसानी आदि सभी क्षेत्राें में विकास को गति दे रहे हैं.

- क्या सरकार इस साल अपने विनिवेश लक्ष्यों को हासिल कर पाएगी? सरकार किन कंपनियों का विनिवेश करना चाहती है?

हमारी सरकार का विनिवेश अभियान सीपीएसई की और संभावनाओं को खोलने में मदद कर रहा है. यह हमें उन क्षेत्रों को बंद करने में भी मदद कर रहा है जहां प्रतिस्पर्धी बाजार अपनी पूर्णता पर आ गए हैं. हमारी सरकार अपनी ओर से उचित लेनदेन सुनिश्चित करने को अथक प्रयास कर रही है.

- सरकार ने तीन साल पहले पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित किया था. लेकिन क्या वे अब भी सरकार की मर्जी पर ही कम-ज्यादा नहीं होते हैं?

कच्चे तेल की कीमतें मांग और आपूर्ति से नियंत्रित होती हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध और भू-राजनीतिक तनाव के साथ, न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. सरकार हमारे लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.

Web Title: Bhagwat Karad Interview reveals how Modi govt dealing with inflation, and how gst collection gets increased

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