आत्मनिर्भर भारत पैकेज: अब प्राइवेट सेक्टर को भी मिलेगी कोल इंडिया की खदानें, पढ़ें निर्मला सीतारमण के प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें
By निखिल वर्मा | Published: May 16, 2020 04:24 PM2020-05-16T16:24:06+5:302020-05-16T17:08:27+5:30
कोरोना संकट के बीच आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान 12 मई को किया था. पिछले चार दिनों से लगातार निर्मला सीतारमण पैकेज के बारे में विस्तार से समझा रही हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त के बारे घोषणा करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए नीतिगत व संरचनात्मक सुधारों पर जोर रहेगा। वित्त मंत्री ने कहा अब मेक इन इंडिया के तहत सरकार का जोर स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स पर होगा। इसके लिए अभी आठ क्षेत्रों में सरकार नियम सरल बनाने जा रही है। इसमें कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयरस्पेस मैनजमेंट, एयरपोर्ट्स, पॉवर कंपनियां, स्पेस और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात की है, हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिये खुद को तैयार करना होगा और वैश्विक मूल्य श्रृंखला की चुनौतियों का सामना करने के लिये तैयार रहना होगा
-कोयला उत्पादन के क्षेत्र में सुधार होगा. जरूरत पड़ने ही बाहर से कोयला मंगाया जाएगा. कोयला उत्पादन पर सरकार का एकाधिकार नहीं होगा. 50 नए कोल ब्लॉक की नीलामी की जाएगी. समय से पहले खनन करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें भी निजी क्षेत्र को दी जाएंगी. कोयला क्षेत्र में 50000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
-माइनिंग क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी की जाएगी. माइनिंग लीज का ट्रांसफर भी किया जा सकेगा.
-भारतीय सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत है. रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया के जरिए आत्मनिर्भर होना है. आयात नहीं किए जानों वालों हथियार की लिस्ट बनेगी. उनका उत्पादन भारत में ही किया जाएगा. रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के लिए अलग से बजट होगा. इससे रक्षा आयात को कम किया जा सकेगा. स्वदेशी कंपनियों को फायदा होगा. डिफेंस सेक्टर एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया गया. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री शेयर बाजार में लिस्टेड होगी.
-सिविल एविएशन सेक्टर में तीन बदलाव होंगे. सिर्फ 60 फीसदी एयर रूट ही नागरिक विमानों के लिए उपलब्ध हैं. उसे बढ़ाया जाएगा. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया 6 एयरपोर्ट्स की नीलामी करेगी. वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट के लिए प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप की जाएगी.
-केंद्र शासित प्रदेशों में पॉवर कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा. उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रीपेड बिजली के मीटर लगाए जाएंगे.
-स्पेस के क्षेत्र में निजी कंपनियों को मौका दिया जाएगा. निजी कंपनियां भी अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सुविधाओं का प्रयोग कर पाएंगी.