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अगले छह महीने में 86 प्रतिशत कर्मचारी नौकरी से इस्तीफा देने की बना रहे हैं योजना: रिपोर्ट

By विनीत कुमार | Updated: June 7, 2022 10:31 IST

कोरोना के बाद बदले हालात के बीच करीब 86 प्रतिशत लोग अगले छह महीनों में अपनी मौजूदा नौकरियों से इस्तीफा दे सकते हैं। एक एजेंसी की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है।

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नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में चरमराई रोजगार और अर्थव्यवस्था के हालात में सुधार के लिए अभी और इंतजार करना होगा। इस बीच काम के बोझ और निजी जिंदगी में संतुलन बनाने को लेकर भी लोगों में संघर्ष जारी है। दरअसल, नौकरियों और भर्ती एजेंसी 'माइकल पेज' के अनुसार अगले छह महीनों में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे 86 फीसदी कर्मचारी इस्तीफा दे सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में आज करीब 61% लोग कम वेतन स्वीकार कर दूसरी नौकरी तलाशने  या फिर वेतन वृद्धि, प्रोमोशन और काम से इतर जीवन में बेहतर संतुलन बनाने के पक्ष में हैं। माइकल पेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'हमारे आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले दो वर्षों से हो रहा है, जो वैश्विक महामारी 2022 से फैला है और इसमें और तेजी आएगी।'

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़े स्पष्ट तौर पर दिखाते हैं कि आने वाले महीनों में बड़े स्तर पर लोगों के नौकरी छोड़ने या दूसरी जगह जाने की प्रकिया तेज होगी। रिपोर्ट से पता चलता है कि भले ही कंपनियों में काम की व्यवस्था (घर से काम करना, आदि) और कोविड से संबंधित नीतियों से कर्मचारियों में नाखुशी है लेकिन केवल 11% लोगों ने ही ऐसे कारण बताकर  इस्तीफा दिया है या देने की योजना बना रहे हैं। कर्मचारियों के इस्तीफा देने के अहम कारणों में करियर में प्रगति, ज्यादा वेतन की चाह, प्रोमोशन और नौकरी से संतुष्टि आदि शामिल हैं।

यह बात भी सामने आई है कि कंपनी का ब्रांड भी नौकरी के उम्मीदवारों के लिए अब ज्यादा महत्व नहीं रखता और लोग अब सही मूल्यों और संस्कृति के साथ वाली कंपनी में अपने पसंद की नौकरी की तलाश में हैं।

निष्कर्ष बताते हैं कि 61% लोग वर्क-लाइफ बैलेंस और खुशी के लिए कम वेतन स्वीकार करने या  वेतन वृद्धि और प्रोमोशन को भी छोड़ने के इच्छुक हैं।

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