एंट्रिक्स देवास सौदा: ED ने 3.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
By भाषा | Published: July 20, 2019 03:47 AM2019-07-20T03:47:44+5:302019-07-20T03:47:44+5:30
ईडी ने कहा कि मनी लाड्रिंग निरोधक कानून के तहत कुर्की के अस्थायी आदेश जारी किये गये हैं। जो संपत्ति कुर्क की गयी है, वह आईसीआईसीआई बैंक के बेंगलुरू के मल्लेश्वरम शाखा में चालू खाता और मियादी जमाओं के रूप में उपलब्ध है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने एंट्रिक्स-देवास सौदा मामले में अपनी मनी लांड्रिंग जांच के संदर्भ में 3.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने कहा कि मनी लाड्रिंग निरोधक कानून के तहत कुर्की के अस्थायी आदेश जारी किये गये हैं। जो संपत्ति कुर्क की गयी है, वह आईसीआईसीआई बैंक के बेंगलुरू के मल्लेश्वरम शाखा में चालू खाता और मियादी जमाओं के रूप में उपलब्ध है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि यह संपत्ति देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लि. (डीएमपीएल) के नाम पर है। डीएमपीएल का गठन 2004 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने किया था। उसके बाद कंपनी ने केंद्र सरकार की इकाई एंट्रिक्स कारपोरेशन लि. के साथ समझौता किया।
एंट्रिक्स 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है। यह इसरो के नियंत्रण में है और उसकी वाणिज्यिक इकाई के रूप में काम करती है। उसने देवास के साथ जनवरी 2005 में एक सौदा किया था। यह सौदा महत्वपूर्ण एस-बैंड वेवलेंथ की अपूर्ति के लिये था।
ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने डीएमपीएल तथा अन्य के खिलाफ इसरो के साथ अवैध तरीके से समझौता करने को लेकर मामला दर्ज किया।
कंपनी पर आरोप है कि उसने कुछ तथ्यों को पेश करने में धोखाधड़ी की और आपराधिक साजिश रचके विदेशों से निवेश प्राप्त किया। ईडी ने कहा कि डीएमपीएल ने धोखाधड़ी कर यह दावा किया कि उसके पास मल्टी मीडिया सेवाओं की डिलिवरी के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर बौद्धिक संपदा अधिकार है। और उसने इस आधार पर इसरो / एसीएल के साथ समझौता किया।