नयी दिल्ली, 15 दिसंबर भारत सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम के लिए तैयारी कर रहा है। इन तैयारियों के बीच अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने मंगलवार को कहा कि उनका समूह कोविड-19 टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकी साधन उपलब्ध कराएगा।
अंबानी ने कहा कि उनका समूह इसके लिए अधिकारियों के साथ काम कर रहा है और वह इस विशाल टीकाकरण अभियान के लिए प्रौद्योगिकी साधन और मजबूत आधार उपलब्ध कराएगा।
अंबानी का दूरसंचार उपक्रम जियो चार साल पहले शुरू हुआ था। जियो ने वॉयस कॉलिंग मुफ्त तथा डेटा काफी कम कीमत पर उपलब्ध कराया। जियो आज देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है और उसके ग्राहकों की संख्या 40 करोड़ से अधिक है, जो सभी इंटरनेट से जुड़े हुए हैं।
अंबानी ने फेसबुक के एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार ने डिजिटल को जिस तरीके से प्रोत्साहन दिया है उसकी वजह से महामारी के दौरान भी देश चलता रहा। आज इसी की मदद से देश के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है।
उन्होंने कहा कि अच्छी डिजिटल और इंटरनेट पहुंच के जरिये महामारी के दौरान लोग घर से काम कर पाए। इसकी मदद से कंपनियों का परिचालन भी बिना किसी बाधा के जारी रहा।
अंबानी ने कहा, ‘‘कई बार मैं सोचता हूं कि यदि यह महामारी भारत में चार-पांच साल पहले आई होती, तो संभवत: हम उतनी अच्छी स्थिति में नहीं होते, जितने आज हैं।’’
अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज तेल से लेकर खुदरा और दूरसंचार क्षेत्र में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की डिजिटल भारत की सोच को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान समूचे उद्योग को पांच साल में ब्रॉडबैंड शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख ने कहा कि डिजिटल की वजह से ही महामारी के दौरान 20 करोड़ जरूरतमंदों के बैंक खातों में नकदी डाली जा सकी। ‘‘आज हम काफी हद तक दुनिया के अन्य देशों की तरह 2021 की पहली छमाही में सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने को तैयार हैं।’’
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं में भी मदद मिली है।
अंबानी ने कहा, ‘‘हम विभिन्न प्राधिकरणों के साथ काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आगामी तिमाहियों में टीकाकरण कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी के माध्यम और आधार उपलब्ध कराया जा सके।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने कहा था कि कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा।
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