वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर पर पहुंचा

By भाषा | Published: June 10, 2021 05:57 PM2021-06-10T17:57:07+5:302021-06-10T17:57:07+5:30

Agricultural exports grew by 17.34 percent to $ 41.25 billion in the year 2020-21 | वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर पर पहुंचा

वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर पर पहुंचा

नयी दिल्ली, 10 जून भारत का कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात वर्ष 2020-21 में 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया और चालू वित्तवर्ष में भी वृद्धि की गति बने रहने की उम्मीद है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि अनाज, गैर-बासमती चावल, गेहूं, बाजरा, मक्का और अन्य मोटे अनाज के निर्यात में भारी वृद्धि देखी गई है।

भारत के कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका, चीन, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, नेपाल, ईरान और मलेशिया हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि पहली बार कई शंकुलों से निर्यात हुआ है, उदाहरण के लिए, वाराणसी से ताजी सब्जियों और आमों का निर्यात और चंदौली से काले चावल का निर्यात किया गया।

केवल कृषि उत्पादों (समुद्री और बागान उत्पादों को छोड़कर) का ही निर्यात 2020-21 में 28.36 प्रतिशत बढ़कर 29.81 अरब डॉलर का हुआ है, जबकि वर्ष 2019-20 में यह 23.23 अरब डॉलर रहा था।

वधावन ने कहा, ‘‘कृषि निर्यात ने वर्ष 2020-21 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले तीन वर्षों से स्थिर रहने के बाद (वर्ष 2017-18 में 38.43 अरब डॉलर, वर्ष 2018-19 में 38.74 अरब डॉलर और वर्ष 2019-20 में 35.16 अरब डॉलर) कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का निर्यात वर्ष 2020-21 के दौरान (समुद्री और बागान उत्पाद सहित) बढ़कर 41.25 अरब डॉलर का हो गया, जो 17.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।’’

इसके अलावा, महाराष्ट्र, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब और कर्नाटक सहित 18 राज्यों ने कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए अपनी विशिष्ट कार्य योजना को अंतिम रूप दिया है।

नीति के हिस्से के रूप में, निर्यात प्रोत्साहन के लिए 46 अद्वितीय उत्पाद-जिला समूहों की पहचान की गई है और 29 क्लस्टर स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।

वाणिज्य विभाग, कृषि विभाग के सहयोग से, कई भारतीय उत्पादों के लिए बाजार पहुंच के प्रयास कर रहा है।

भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में अनार के लिए बाजार की पहचान की है। इसके अलावा अर्जेंटीना में आम और बासमती चावल; ईरान में गाजर के बीज; उज्बेकिस्तान में गेहूं का आटा, बासमती चावल, आम, केला और सोयाबीन खली, भूटान में टमाटर, भिंडी और प्याज और सर्बिया में संतरे के लिए बाजार मिला है।

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कीटनाशक के अपशिष्ट मिलने की समस्या ने यूरोपीय संघ को बासमती चावल निर्यात को प्रभावित किया है, क्योंकि यूरोपीय संघ द्वारा ट्राईसाइक्लाज़ोल और बुप्रोफेज़िन जैसे रसायनों के लिए कड़े मानदंड लागू किए गए हैं। भारत में इनका धान की खेती में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

यूरोपीय संघ को बासमती निर्यात के लिए निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी) का परीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे निर्यात उत्पादों में सतर्कता बरतने के मामलों में कमी आई है।

बयान में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप, पंजाब ने खरीफ सत्र 2020 के दौरान ट्राइसाइक्लाज़ोल और बुप्रोफेज़िन सहित 9 रसायनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया।

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Web Title: Agricultural exports grew by 17.34 percent to $ 41.25 billion in the year 2020-21

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