अडानी समूह ने मेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के डेवलपमेंट फीस में 100 रुपये की वृद्धि की मांग की
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 22, 2022 04:49 PM2022-08-22T16:49:23+5:302022-08-22T16:56:06+5:30
अडानी समूह ने भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण से मांग की है कि मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए घरेलू यात्रियों से उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) के मद में 100 रुपये अतरिक्त वृद्धि की जाए।
मेंगलुरु: अडानी समूह ने अपने स्वामित्व वाले मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए घरेलू यात्रियों से उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) के मद में 100 रुपये अतरिक्त वृद्धि की मांग की है। अडानी समूह की मांग है कि इसे हवाई अड्डे पर आगमन और प्रस्थान करने वाले यात्रियों पर समान रूप से लगाया जाए।
जानकारी के मुताबिक हवाईअड्डे ने अपनी नवीनतम टैरिफ फाइलिंग में इस अक्टूबर से घरेलू यात्रियों पर 250 रुपये का यूडीएफ लगाने की मांग की है जिसे 31 मार्च 2026 तक बढ़ाकर 725 रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।
बताया जा रहा है कि भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण ने 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च, 2026 की अवधि के लिए मंगलुरु हवाई अड्डे के लिए टैरिफ को तय करने जा रही है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 525 रुपये का यूडीएफ लगाने और इसे मार्च 2026 तक बढ़ाकर 1,200 रुपये करने की लक्ष्य रखा गया है।
यदि भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण अडानी समूह की मांग से सहमत होता है तो मेंगलुरु हवाई अड्डे से प्रत्येक प्रस्थान और आगमन करने वाले यात्रियों के हवाई अड्डा उपयोगकर्ता के तौर पर शुल्क में 100 रुपये का इजाफा किया जाएगा।
वर्तमान में मेंगलुरु हवाई अड्डे पर घरेलू यात्रियों के लिए 150 रुपये और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 825 रुपये यूडीएफ लागू है, लेकिन यह शुल्क केवल हवाई अड्डे से प्रस्थान करने वाले यात्रियों पर ही लगाया जाता है। मालूम हो कि अडानी समूह ने बीते 31 अक्टूबर 2020 को कर्नाटक के पोर्ट सिटी मेंगलुरु स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन अपने हाथ में ले लिया था।
अडानी समूह ने भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण को दी गई अपनी फाइलिंग में कहा कि साल 2010 के बाद से कोई टैरिफ रिवीजन नहीं हुआ है। लेकिन एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण की योजना का कार्य चल रही है। इस कारण से टैरिफ को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।
समूह का कहना है कि हवाई अड्डे के रनवे की रीकार्पेटिंग, नए टर्मिनल भवन और कार्गो टर्मिनल के निर्माण योजनाओं पर लगभग 5,200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसलिए उस मद में बढ़ने वाले खर्च की भरपाई के लिए टैरिफ का बढ़ाया जाना आवश्यक है।
इसके साथ ही अडानी समूह ने हवाईअड्डे पर एयरलाइंस के लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में वृद्धि की भी मांग की है। भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण ने अडानी समूह के शुल्क वृद्धि प्रस्ताव पर एयरलाइंस, यात्री संघों और बिजनेस जेट ऑपरेटरों से सुझाव मांगा है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)