केयर्न को एक अरब डॉलर रिफंड की पेशकश स्वीकार, कुछ ही दिन में मामले वापस लेगी : सीईओ

By भाषा | Updated: September 7, 2021 17:36 IST2021-09-07T17:36:31+5:302021-09-07T17:36:31+5:30

Accepts $1 billion refund offer to Cairn, will withdraw cases in a few days: CEO | केयर्न को एक अरब डॉलर रिफंड की पेशकश स्वीकार, कुछ ही दिन में मामले वापस लेगी : सीईओ

केयर्न को एक अरब डॉलर रिफंड की पेशकश स्वीकार, कुछ ही दिन में मामले वापस लेगी : सीईओ

(अम्मार जैदी)

नयी दिल्ली, सात सितंबर ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी ने कहा है कि उसने फ्रांस से लेकर अमेरिका तक में भारतीय संपत्तियों को जब्त करने को लेकर जो मामले दर्ज किये हैं उन्हें वह भारत से एक अरब डालर का रिफंड मिलने के कुछ ही दिन बाद वह वापस ले लेगी। भारत सरकार ने पिछली तिथि से कर वसूली के कानूनी प्रावधान को समाप्त कर दिया है।

केयर्न ने कहा है कि वह एक अरब डॉलर का रिफंड मिलने के एकाध दिन बाद ही मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देगी।

कंपनी ने 2012 की नीति को रद्द करने के सरकार के फैसले को साहसी करार दिया है। पिछले महीने एक कानून के जरिये 2012 की इस नीति को रद्द कर दिया गया। इस कानून के तहत आयकर विभाग को 50 साल तक पुराने ऐसे मामलों में पूंजीगत लाभ कर लगाने का अधिकार था जिनमें भारत स्थित कारोबारी संपत्तियों को लेकर स्वामित्व का बदलाव विदेश में बैठकर हुआ है।

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केयर्न के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) साइमन थॉमसन ने लंदन से पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा ‘‘पिछली तारीख से कर मांग के प्रवर्तन के तहत जब्त राशि को लौटाने के बदले सरकार के खिलाफ सभी मुकद्दमे वापस लेने की पेशकश हमें स्वीकार है।’’

केयर्न पेरिस में अपार्टमेंट तथा अमेरिका में एयर इंडिया के विमानों को जब्त करने को लेकर दायर मुकद्दमों को रिफंड मिलने के कुछ ही दिन बाद वापस ले लेगी। उन्होंने यह भी कहा कि केयर्न के शेयरधारक भी इस पेशकश को स्वीकार करने और आगे बढ़ने के पक्ष में हैं।

थॉमसन ने कहा, ‘‘हमारे प्रमुख शेयरधारक... ब्लैकरॉक और फ्रैंकलिन टेंपलटन इस पेशकश को स्वीकार करने के पक्ष में हैं। हमारे विचार को हमारे प्रमुख शेयरधारकों का समर्थन है। पीछे के बारे में सोचने के बजाय हम आगे बढ़ने के पक्ष में हैं। हम ऐसी चीज पर टिके नहीं रहना चाहते जो सभी के लिए नकारात्मक हो।’’

भारत की निवेश गंतव्य के रूप में छवि को ठीक करने के लिए सरकार ने पिछले महीने नया कानून लागू करते हुए कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों मसलन वोडाफोन, फार्मास्युटिकल्स कंपनी सनोफी, केयर्न और साबमिलर आदि के खिलाफ 1.1 लाख करोड़ रुपये की कर मांग को छोड़ने का फैसला किया था।

यदि ये कंपनियां भारत के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर सहमत हो जाती हैं, तो रद्द कर प्रावधान के तहत इनसे जुटाए गए 8,100 करोड़ रुपये वापस कर दिए जाएंगे। इनमें ब्याज और जुर्माना शामिल है। इनमें से 7,900 करोड़ रुपये अकेले केयर्न से वसूले गये हैं।

थॉमसन ने कहा कि एक बार अंतिम निपटान के बाद हम कुछ ही दिन में सभी मामले वापस ले लेंगे। ‘‘हम समाधान को तेजी से करना चाहते हैं। सभी मामले वापस लिए जाएंगे और पिछली चीजों को छोड़ दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सब कुछ वापस लिया जाएगा। कोई मामला कायम नहीं रहेगा। इससे पूरा मामला निपट जाएगा।’’

केयर्न ने मंगलवार को छमाही रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार से प्राप्त 7,900 करोड़ रुपये या 1.06 अरब डॉलर में से 70 करोड़ डॉलर शेयरधारकों को विशेष लाभांश या पुनर्खरीद के जरिये वापस लौटाएगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी भारत में वापस लौटेगी, थॉमसन कहा कि एक बार यह मुद्दा बंद हो जाने के बाद भारत एक और संभावित निवेश गंतव्य बन जाएगा। ‘‘यदि उचित अवसर मिलता है, तो हम भारत क्यों नहीं आ सकते।’’

उन्होंने कहा कि केयर्न की पिछली तारीख से कर मुद्दे के समाधान के लिए भारत सरकार के साथ एक अच्छी, खुली और पारदर्शी बातचीत हुई। हमारा मकसद समाधान पाना था।’’

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस कानून को लेकर काफी साहसी कदम उठाया है। सरकार की मंशा इस मुद्दे का जल्द समाधान करने की थी। यह न सिर्फ हमारे लिए, हमारे शेयरधारकों के लिए, बल्कि भारत के लिए भी अच्छा है।‘‘

इस समाधान से पिछली तिथि के कर का ‘भूत’ गायब हो जाएगा। भारत के नए कानून की शर्तों को स्वीकार करने के तहत केयर्न को अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले से उत्पन्न दावे को वापस लेना होगा। साथ ही उसे कानूनी प्रवर्तन कार्रवाई बंद करनी होंगी, जिसके बाद वह रिफंड की पात्र होगी।

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Web Title: Accepts $1 billion refund offer to Cairn, will withdraw cases in a few days: CEO

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