'गली बॉय' से जोया ने किया सभी का मुंह बंद, फिर भी किरदार की यात्रा फैंस को छू नहीं पाती?

By अजय ब्रह्मात्मज | Published: February 18, 2019 04:44 PM2019-02-18T16:44:27+5:302019-02-18T16:44:27+5:30

जोया अख्तर की फिल्म 'गली ब्वॉय' की खूब चर्चा हो रही है. जावेद अख्तर और हनी ईरानी की बेटी तथा फरहान अख्तर की बहन जोया अपनी फिल्मों से दर्शकों को लुभाती रही हैं

Zoya did everything from the alley boy | 'गली बॉय' से जोया ने किया सभी का मुंह बंद, फिर भी किरदार की यात्रा फैंस को छू नहीं पाती?

'गली बॉय' से जोया ने किया सभी का मुंह बंद, फिर भी किरदार की यात्रा फैंस को छू नहीं पाती?

 जोया अख्तर की फिल्म 'गली ब्वॉय' की खूब चर्चा हो रही है. जावेद अख्तर और हनी ईरानी की बेटी तथा फरहान अख्तर की बहन जोया अपनी फिल्मों से दर्शकों को लुभाती रही हैं. उनकी फिल्में मुख्य रूप से अमीर तबके की दास्तान सुनाती हैं. इस पसंद और प्राथमिकता के लिए उनकी आलोचना भी होती रही है.

अभी 'गली ब्वॉय' आई तो उनके समर्थकों ने कहना शुरू कर दिया कि जोया ने इस बार आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है. जोया ने अपनी फिल्म से जवाब दिया कि वह निम्न तबके की कहानी भी कह सकती हैं. 'गली ब्वॉय' देख चुके दर्शक जानते हैं कि यह फिल्म धारावी के मुराद नामक किरदार के ईद-गिर्द घूमती है. गली के सामान्य छोकरे से उसके रैप स्टार बनने की यह संगीतमय यात्रा है. इस फिल्म की खूबसूरती है कि जोया मुंबई के स्लम धारावी की गलियों से बाहर नहीं निकलतीं. मुंबई के मशहूर और परिचित लोकेशन से वह बचती हैं. इन दिनों मुंबई पृष्ठभूमि वाली हर फिल्म (अमीर या गरीब किरदार वाली) में सी लिंक दिखाई पड़ता है. इस फिल्म में सीएसटी रेलवे स्टेशन की एक झलक मात्र आती है.

फिल्म के मुख्य किरदार मुराद और सफीना के मिलने की खास जगह गटर के ऊपर बना पुल है. इस गटर में कचरा जलकुंभी की तरह पसरा हुआ है. आप को याद होगा कि डैनी बॉयल ने 2008 में 'स्लमडॉग मिलियनेयर' नामक फिल्म में धारावी के किरदारों को दिखाया था.इंटरनेशनल ख्याति की इस फिल्म से धारावी की तरफ पर्यटकों का ध्यान गया. 'गली ब्वॉय' में एक दृश्य है, जहां कुछ पर्यटक मुराद का घर देखने आते हैं तब उसकी दादी 500 रु. की मांग करती है. इस फिल्म को बारीकी से देखें तो जोया भी पर्यटक निर्देशक के तौर पर ही कैमरे के साथ धारावी में घुसती हैं. धारावी की जिंदगी और सपनों को कभी सुधीर मिश्र ने 'धारावी' नाम की फिल्म में बहुत संजीदगी से चित्रित किया था.

अन्य हिंदी फिल्मों में भी धारावी की छटा झलकती रही है. ज्यादातर फिल्म निर्देशक यहां की गंदगी, गंदे आचरण और गंदे धंधे ही कैमरे में कैद करते रहे हैं. जोया ने यहां के पॉजीटिव किरदार लिए हैं. जोया अख्तर की 'गली ब्वॉय' सच्चाई और सपने को करीब लाने की कोशिश में जुटे मुराद की कहानी है. मुराद बुरी संगत में होने बावजूद अच्छे ख्याल रखता है. वह अपनी नाराजगी को गीतों में अभिव्यक्त करता है. उसकी मुलाकात एमसी शेर से होती और फिर उसके जीवन की दिशा बदल जाती है. वह रैप करने लगता है. तय होता है कि एक वीडियो बनाया जाए और उसे यू-ट्यूब पर डाला जाए. वीडियो तैयार करने के बाद उसे एक्सपोर्ट करने से पहले रैपर का नाम रखने की बात आती है तो मुराद कहता है कि मेरा क्या नाम? मैं तो गली का छोकरा... यही 'गली ब्वॉय' नाम पड़ता है.

वीडियो आते ही उसकी यात्रा आरंभ हो जाती है. वह सपनों को जीने लगता है. वह अपने मामा की इस धारणा और सोच को झुठलाता है कि नौकर का बेटा नौकर ही हो सकता है. जोया ने 'गली ब्वॉय' की प्रेरणा जरूर रियल रैपर नाइजी और डिवाइन से ली है, लेकिन उन्होंने उनकी जिंदगी के कड़वे और सच्चे प्रसंग कम लिए हैं. रीमा कागती के साथ उन्होंने गली के छोकरे के रैपर बनाने की कहने को हिंदी फिल्मों के घिसे-पिटे ढांचे में फिट किया है. 'गली ब्वॉय' की यही सीमा उसे देश के दर्शकों से नहीं जोड़ पाती.

पहले दिन यह फिल्म संगीत और नाइजी तथा डिवाइन के किस्सों की वजह से शहरी दर्शकों को खींचती है, लेकिन दर्शक फिल्म से कनेक्शन फील नहीं करते तो वे छंट जाते हैं. दूसरे दिन ही घटे दर्शकों ने जाहिर कर दिया है कि जोया अख्तर की फिल्म उन्हें अधिक पसंद नहीं आई है. फिल्म के पहले फ्रेम से ही रणवीर सिंह का रवैया और व्यवहार रैप स्टार का है, इसलिए किरदार की यात्रा छू नहीं पाती. जोया अख्तर और करण जौहर कोशिश तो कर रहे हैं कि वे आम दर्शकों की जिंदगी की कहानी कहें, लेकिन अनुभव, समझदारी और शोध की कमी से उनके प्रयास में छेद हो जाते हैं.

Web Title: Zoya did everything from the alley boy

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