मैरीकॉम में मैरी का किरदार किसी मणिपुरी से क्यों नहीं करवाया गया? एक्ट्रेस ने उठाए सवाल
By वैशाली कुमारी | Published: August 7, 2021 09:04 PM2021-08-07T21:04:50+5:302021-08-07T21:04:50+5:30
एक्ट्रेस का कहना है कि 2014 में फिल्म मैरीकॉम की कास्टिंग के दौरान भेदभाव किया गया था। अपनी पूरी बात में उनका जोर इस तरफ रहा की प्रियंका चोपड़ा की जगह किसी मणिपुरी लड़की को भी चुना जा सकता था जो मणिपुर का प्रतिनिधित्व करती।
मणिपुर की मूल निवासी और एक्ट्रेस लिन लैशराम का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। एक्ट्रेस का कहना है कि 2014 में फिल्म मैरीकॉम की कास्टिंग के दौरान भेदभाव किया गया था।
लिन में प्रियंका चोपड़ा की काबिलियत पर कोई सवाल नही उठाया और उन्होंने उनके मेहनत कि तारीफ भी कि, लेकिन अपनी पूरी बात में उनका जोर इस तरफ रहा की प्रियंका चोपड़ा की जगह किसी मणिपुरी लड़की को भी चुना जा सकता था जो मणिपुर का प्रतिनिधित्व करती।
फिल्म के निर्माता ओमंग कुमार थे जिन्होंने स्पोर्ट्स बायोपिक 'मैरी कॉम' का निर्देशन किया था। हाल ही में आलोचना के बीच अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को शिर्ष भूमिका में कास्ट करने का बचाव किया।
प्रियंका चोपड़ा के बचाव करते हुए निर्माता ओमंग कुमार ना कहा, " अमिताभ बच्चन ने बिना ईसाई बने एंथनी की भूमिका निभाई" तो इसी तरह मैरीकॉम के चरित्र के लिए किसी मणिपुरी लड़की को ही कास्ट करना जरूरी नहीं था।
ओमंग कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रियंका और दर्शन कुमार द्वारा निभाए गए किरदारों के लिए पूर्वोत्तर के कई अभिनेताओं को भी देखा, लेकिन कोई भी इस भूमिका के अनुकूल नहीं था। उन्होंने कहा कि लोगों को कला देखने और उस चरित्र को महसूस करने में ज्यादा दिलचस्पी होती है ना कि कलाकार के शक्ल से।
निर्माता ने कहा कि एक अभिनेता खुद को किसी भी किरदार में ढाल सकता है जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने अपने आप लो झोंक दिया था। वो घंटों मेहनत करती थी ताकि वो मैरीकोम की तरह दिखे उनकी तरह लगे। उन्होंने कहा कि यह फिल्म के इतने प्रभावी होने का एक कारण था। फिल्म निर्माता ने यह भी कहा कि फिल्म में उनके अधिकांश अन्य पात्र मणिपुरी अभिनेताओं द्वारा निभाए गए थे।
जून 2021 में, अभिनेत्री लिन लैशराम, जिन्होंने 'मैरी कॉम' में बेम-बेम की भूमिका निभाई थी, ने फ्री प्रेस जर्नल को बताया था कि बॉलीवुड में आने से पहले उत्तर-पूर्वी लोगों के पास मुश्किल से कुछ था। उन्होंने कहा कि जब नॉर्थ ईस्ट की किसी अचीवर के चरित्र की बात आती है तो उसका किरदार किसी गैर नॉर्थ ईस्ट के व्यक्ति से करवाया जाता है।