लता जी के 7 हजार से अधिक ग्रामोफोन रिकॉर्ड सहेजने वाले प्रशंसक ने क्या कहा उनके निधन पर, जानिए यहां

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2022 08:45 PM2022-02-06T20:45:50+5:302022-02-06T20:58:41+5:30

सुमन चौरसिया ने लता मंगेशकर के गीतों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड को साल 1965 से सहेजने शुरू किया। उनके पास फिलहाल करीब 7,600 ग्रामोफोन रिकॉर्ड का संग्रह मौजूद है।

What the fan who saved more than 7 thousand gramophone records of Lata ji said on her death, know here | लता जी के 7 हजार से अधिक ग्रामोफोन रिकॉर्ड सहेजने वाले प्रशंसक ने क्या कहा उनके निधन पर, जानिए यहां

लता जी के 7 हजार से अधिक ग्रामोफोन रिकॉर्ड सहेजने वाले प्रशंसक ने क्या कहा उनके निधन पर, जानिए यहां

Highlightsसुमन चौरसिया ने बताया कि साल 2019 में उनकी आखिरी बार लता मंगेशकर से मुलाकात हुई थीसुमन ने इंदौर में "लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय" खोला है संग्रहालय में लता जी के गीतों के अलावा उनसे जुड़ी तस्वीरें और किताबों का भी दुर्लभ संग्रहण है

इंदौर: स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर उनके 7,600 दुर्लभ ग्रामोफोन रिकॉर्ड सहेज कर रखने वाले सुमन चौरसिया बेहद दुख में हैं। मध्य प्रदेश के जिस इंदौर में महान गायिका लता मंगेशकर ने जन्म लिया था, उसी शहर से ताल्लूक रखने वाले सुमन चौरसिया की आंखों से बहने वाले आंसू रूकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। 

इंदौर में लता जी के नाम से संग्रहालय बनाने वाले सुमन चौरसिया रविवार की सुबह से गम में डूबे हुए हैं। सुमन ने अपने दुख को साझा करते हुए कहा, "इस पीड़ा को बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। वसंत पंचमी के अगले दिन लता दीदी के निधन से मुझ जैसे लाखों संगीतप्रेमियों के मन को गहरा धक्का लगा है।’’

सुमन ने बताया कि वह खुद को खुशनसीब मानते हैं कि उन्होंने कई बार लता मंगेशकर से मुलाकात की। चौरसिया ने बताया,‘‘साल 2019 में लता दीदी से मेरी आखिरी मुलाकात हुई थी। इसके बाद कोरोना के कारण मैं उनसे नहीं मिल सका।"

सुमन चौरसिया ने बताया कि उन्होंने मंगेशकर के गीतों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड साल 1965 से ही सहेजने शुरू कर दिये थे। सुमन ने बताया, ‘‘फिलहाल मेरे पास ऐसे करीब 7,600 ग्रामोफोन रिकॉर्ड का संग्रह हैं, जो लता दीदी ने 32 देशी-विदेशी भाषाओं और बोलियों में गाए हैं। इनमें उनके कई दुर्लभ गीत भी हैं।"

चौरसिया ने बताया कि साल 2008 में उन्होंने इन ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स को व्यवस्थित करने के लिए संग्रहालय का रूप दे दिया था और इसे उन्होंने नाम दिया था-"लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय"।

चौरसिया ने बताया कि उनके पास लता मंगेशकर के गीतों का जो संग्रह है, उसमें साल 1946 में पर्दे पर उतरी हिन्दी फिल्म "जीवन यात्रा" का गीत "चिड़िया बोले चूं-चूं-चूं" भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके संग्रह में श्रीलंका में बोली जाने वाली सिंहली भाषा में लता मंगेशकर के द्वारा गाये गीत का भी रिकॉर्ड मौजूद है।

इंदौर शहर के पिगडंबर इलाके में 1,600 वर्ग फुट में बने लता जी के नाम से संग्रहालय में उनके गाये गीतों के अलावा उनके जीवन से जुड़ी तस्वीरें और उन पर लिखी किताबों को भी सहेजा गया है। लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था। आज रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर का निधन हो गया।

सिनेमा में बतौर प्लैबैक सिंगर लता जी का सफर साल 1942 से शुरू हुआ था। सात दशक से भी लम्बे अपने करियर में लता जी ने अलग-अलग भाषा-बोलियों में लगभग 30,000 से अधिक गीतों को स्वर दिया था। साल 2001 में भारत सरकार ने लता मंगेशकर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से नवाजा था। (इस खबर में समाचार एजेंसी भाषा का इनपुट शामिल है )

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