Pm Narendra Modi Movie Review:एक मोटिवेशनल फिल्म है विवेक ओबेरॉय की 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी', पढ़ें फिल्म का जबरदस्त रिव्यू
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: May 24, 2019 10:42 AM2019-05-24T10:42:26+5:302019-05-24T10:50:56+5:30
ओमंग कुमार ने इसके पहले मैरी कॉम और सरबजीत जैसी बायोपिक्स बनाकर अपना एक फैनबेस तैयार किया है। पीएम नरेंद्र मोदी इसका विस्तार है। वह सिनेमा बनाते हैं, डॉक्यूमेंट्री नहीं।
कलाकार: विवेक आनंद ओबेरॉय, मनोज जोशी, प्रशांत नारायणन, जरीना वहाब, सुरेश ओबेरॉय, अंजन श्रीवास्तव, यतिन करयेकर, दर्शन कुमार और राजेंद्र गुप्ता आदि।
निर्देशक: ओमंग कुमार
निर्माता: संदीप सिंह
रेटिंग: 3 स्टार
बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक फिल्मों का ट्रेंड सा चल रहा है। निर्देशक और निर्माता की कढ़ी मेहनत के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक रिलीज हो चुकी है। फिल्म में विवेक आनंद ओबेरॉय, मनोज जोशी, प्रशांत नारायणन, जरीना वहाब, सुरेश ओबेरॉय, अंजन श्रीवास्तव, यतिन करयेकर, दर्शन कुमार और राजेंद्र गुप्ता मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन उमंग कुमार ने किया है। संदीप सिंह ने इसे प्रोड्यूस किया है। आइए जानते हैं कैसी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-
फिल्म की कहानी
नरेंद्र मोदी के बचपन से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक की कहानी कहती इस फिल्म की कहानी की शुरुआत 2013 की बीजेपी की उस बैठक से होती है, जिसमें नरेंद्र मोदी (विवेक ओबेरॉय) को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया जाता है। फिल्म का पहला सीन ही आपको बांधने में कामयाब हो जाएगा। उसके बाद फिल्म की कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है, जब मोदी बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे।
मोदी के पिता चाय की दुकान करते थे, तो मां घरों में बर्तन धोती थीं। थोड़ा बड़ा होने पर नरेंद्र ने अपने घरवालों से संन्यासी बनने की इजाजत मांगते हैं। हिमालय की चोटियों में अपने जीवन का उद्देश्य तलाशने के बाद नरेंद्र ने बतौर आरएसएस वर्कर गुजरात वापसी की और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिल्म में बचपन से लेकर पीएम बनने तक के पूरे सफर को बहुत की बखूबी पेश किया गया है।
एक्टिंग
अगर अभिनय की बात की जाए तो हर एक करैक्टर ने अपने रोल के साथ न्याय किया है। सभी ने बहुत ही बेहतरीन एक्टिंग की है। लेकिन मोदी बनें विवेक की तरीफ जितनी की जाए कम होगी।
क्या देखें क्या नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी को जो पसंद करते हैं, बेशक उनको ये फिल्म पसंद आएगी। फिल्म की कहानी काफी प्रेरणादायक है, जो दिखाता है कि मोदी जी किस तरह समर्पण और विश्वास के साथ 18 घंटे काम करते हैं। यह फिल्म सिर्फ बीजेपी समर्थकों और मोदी लवर्स के लिए हीं नहीं बल्कि हर उस आम इंसान के लिए देखना जरुरी है, जो अपनी जिंदगी में कुछ बेहतर करना चाहता है। फिल्म आपको तब बोर भी कर सकती है क्योकि इसमें मोदी के गुणगानों के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा। अगर आप मोदी के फैन नहीं हैं तो ये फिल्म आपको बुरी लग सकती है।