Marjaavaan Review: एक्शन, रोमांस के डोज के बाद भी कुछ कमी से महसूस होती है सिद्धार्थ-तारा की फिल्म मरजावां में
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 15, 2019 11:46 AM2019-11-15T11:46:53+5:302019-11-15T11:53:01+5:30
फिल्म मरजावां में रोमांस के साथ एक्शन का धमाल फैंस को देखने को मिलने वाला है। फिल्म आपको 80-90 के दशक की याद दिला देगी। आइए जानते हैं कैसी है मरजावां-
कलाकार-सिद्धार्थ मल्होत्रा,रितेश देशमुख,तारा सुतारिया
निर्देशक-मिलाप जावेरी
स्टार-2./5
राइटर और निर्देशक जावेरी की फिल्म मरजावां पर्दे पर रिलीज हो गई है। ट्रेलर रिलीज के बाद से ही फैंस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा, तारा सुतारिया, रितेश देशमुख और रकुल प्रीत सिंह लीड रोल में नजर आने वाली हैं। फिल्म मरजावां में रोमांस के साथ एक्शन का धमाल फैंस को देखने को मिलने वाला है। फिल्म आपको 80-90 के दशक की याद दिला देगी। आइए जानते हैं कैसी है मरजावां-
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी शुरू होती है अन्ना (नासर) से। जिसको रघु (सिद्धार्थ मल्होत्रा) गटर के पास पड़ा मिलता है। इसके बाद अन्ना ही रघु का पालन पोषण करते है। अन्ना रघू को बेटे की तरह से रखते हैं। वहीं, अन्ना का सारे काले करनामों में रघु ढल जाता है और अन्ना का राइट हैंड भी बन जाता है। अन्ना रघु पर बहुत भरोसा करता है। यही कारण है कि उनका असली बेटा विष्णु (रितेश देशमुख) रघु से बहुत नफरत करता है। विष्णु बौना है, इस कारण से उसको लगता है कि असली वारिस उसके होने के बाद भी रघु को सम्मान दिया जाता है। वहीं, दूसरी तरफ बस्ती में सभी रघु को जान से ज्यादा चाहते हैं। इसमें उसकी दोस्त आरजू(रकुल प्रीत) और तीन दोस्त भी शामिल हैं। रघु की जिंदगी तब बदलती है जब कश्मीर से आई गूंगी लड़ती जोया से मिलता है। जोया के साथ उसकी दोस्ती अच्छी हो जाती है और प्यार हो जाता है। लेकिन विष्णु रघु के सामने ऐसे हालात पैदा करता है कि खुद रघु को अपने प्यार को गोली मारनी पड़ी है। जोया के मरने के बाद रघु भी बेजान सा हो जाता है।इसके बाद विष्णु के बस्ती पर जुल्म बढ़ जाते हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्या रघु जोया की मौत का बदला लेगा, क्या बस्तीवालों को विष्णु की अत्याचारों से बचाएगा इसके लिए फिल्म आपको थिएटर में देखनी होगी।
एक्टिंग
सिद्धार्थ ने अच्छी एक्टिंग करने की कोशिश की है, लेकिन कुछ जगह वह कमजोर से नजर आ रहे हैं। इस कारण से कह सकते हैं कि वह औसतन रूप में पेश हुए हैं। तारा सुतारिया का जितना रोल है अच्छा है। रितेश देशमुख ने बहुत ही शानदार एक्टिंग की है, एक बौने के रूप में एक्टर ने अपनी छाप छोड़ी है।
कैसी है फिल्म
निर्देशक ने फिल्म में प्यार, बदला, कुर्बानी जैसी हर चीज को पेश किया है। लेकिन फिर भी फिल्म कमजोर सी नजर आएगी। फिल्म कमजोर स्क्रीनप्ले के कारण अपना असर नहीं दिखा पाई है। फिल्म में जज्बाती चीजों को कुछ ज्यादा ही पेश किया गया है। फिल्म कई जगह आपको बोर लगेगी । ऐसा लगेगा जबरदस्ती खींची जा रही है।