"सरोजिनी नायडू मेरे पिता हरिवंश राय बच्चन और तेजी सूरी के अंतरजातीय विवाह के समर्थन में थीं", अमिताभ बच्चन ने केबीसी के मंच पर किया खुलासा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 1, 2023 12:35 PM2023-09-01T12:35:53+5:302023-09-01T12:47:13+5:30
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) के मंच से अपने पिता और हालावाद के ख्यातिलब्ध कवि हरिवंश राय बच्चन एवं मां तेजी बच्चन के अंतरजातीय विवाह को लेकर एक बड़े रहस्य का खुलासा किया है।
मुंबई: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) के मंच से अपने पिता और हालावाद के ख्यातिलब्ध कवि हरिवंश राय बच्चन एवं मां तेजी बच्चन के अंतरजातीय विवाह को लेकर एक बड़े रहस्य का खुलासा किया है। अमिताभ ने केबीसी के नये एपिसोड में बताया कि महान स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री सरोजिनी नायडू उनके पिता और 'मधुशाला' जैसी महान कविता के रचयिता हरिवंश राय बच्चन की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार केबीसी के एक प्रश्न में पूरे गये सवाल के सही उत्तर के संबंध में जब प्रतियोगी ने सरोजिनी नायडू का नाम लिया तो अमिताभ बच्चन ने सरोजिनी नायडू के साथ अपने पारिवारिक जुड़ाव को याद किया। सवाल का सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को बधाई देने के बाद अमिताभ बच्चन ने कहा कि मशूहर गजल गायिका बेगम अख्तर ने बिहार के भूकंप पीड़ितों के लिए धन जुटाने के एक कार्यक्रम में प्रस्तुति दी थी, जिसमें सरोजिनी नायडू भी मौजूद थीं।
कहा जाता है कि उस कार्यक्रम में सरोजिनी नायडू ने बेगम अख्तर के जगल गायकी की अद्भुत प्रतिभा की बेहद सराहना की थीष जिसके बाद बेगम अख्तर ने गजल गायकी को बतौर पेशा अपना लिया था।
इसके अलावा अमिताभ बच्चन ने सरोजिनी नायडू के व्यक्तित्व को याद करते हुए शो में कहा, “मुझे यह कहने में थोड़ा संकोच हो रहा है लेकिन वो मेरे बाबूजी (पिता हरिवंश राय बच्चन) की भी बहुत बड़ी प्रशंसक थीं। मेरे बाबूजी ने मां तेजी बच्चन के साथ अंतरजातीय विवाह किया था। मेरी मां तेजी सूरी एक सिख परिवार से थीं। उस समय हम लोग इलाहाबाद में रहते थे और उन दिनों उस क्षेत्र में दूसरी जाति में विवाह पाप माना जाता था।'
बच्चन ने आगे कहा, "तो उस समय विवाह के बाद जब मेरे पिता मेरी मां तेजी को लेकर इलाहाबाद लाए थे तो लोगों ने उनका बहुत विरोध किया था। लेकिन उसी विरोध के बीच सरोजिनी नायडू वो पहली महिला थीं, जो मेरे पिता के विवाह से खुश थीं और उनके साथ खड़ी थीं। यहां तक कि उन्हें मेरे पिता को पंडित जवाहरलाल नेहरू से भी मिलवाया, जो उस वक्त इलाहाबाद में ही आनंद भवन में रहा करते थे। मुझे अभी भी याद है कि उन्होंने किस तरह मेरे पिता का परिचय कराया था। सरोजिनी नायडू ने पंडित नेहरू से कहा था कि एक कवि और उनकी कविता से मिलिए।"
अमिताभ बच्चन ने इससे पहले केबीसी के 13वें सेशन के एक एपिसोड के दौरान अपने माता-पिता की शादी के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, “मेरी मां तेजी सूरी एक सिख परिवार से थीं, जबकि मेरे पिता हरिवंश राय बच्चन यूपी के प्रतापगढ़ के एक कायस्थ परिवार से थे। मां से पिता के विवाह के बाद दोनों परिवारों ने कुछ समय तक विरोध किया, लेकिन बाद में दोनों परिवार मान गये थे।"
बच्चन ने आगे कहा, "मैं साल 1942 की बात कर रहा हूं। मेरे पिता ने जानबूझकर हमें अपने तखल्लुस का नाम 'बच्चन' दिया था क्योंकि उपनाम 'श्रीवास्तव' जाति को दर्शाता था। और मेरे माता-पिता ने किसी भी जाति की पहचान से बचने के लिए अपने उपनाम के लिए श्रीवास्तव का उपयोग नहीं करने का फैसला किया था।"