पुण्यतिथि विशेषः संजीव कुमार ने कई अफेयर के बावजूद इस वजह से नहीं की शादी, रोचक है जिंदगी का सफरनामा

By आदित्य द्विवेदी | Published: November 6, 2018 09:24 AM2018-11-06T09:24:48+5:302018-11-06T09:24:48+5:30

संजीव कुमार उस दौर में अपनी तरह के इकलौते अभिनेता थे। बॉलीवुड इंडस्ट्री में उनका कोई सानी नहीं था। उन्होंने शोले, परिचय, आंधी, अंगूर और सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी फिल्म में यादगार भूमिकाएं निभाई हैं। आइए जानते हैं उनकी जिंदगी की कुछ दिलचस्प बातें...

Sanjeev Kumar death anniversary: Why he is not get married inspite affair, interesting facts | पुण्यतिथि विशेषः संजीव कुमार ने कई अफेयर के बावजूद इस वजह से नहीं की शादी, रोचक है जिंदगी का सफरनामा

पुण्यतिथि विशेषः संजीव कुमार ने कई अफेयर के बावजूद इस वजह से नहीं की शादी, रोचक है जिंदगी का सफरनामा

संजीव कुमार उर्फ हरिहर जरीवाला का जन्म साल 1938 में एक गुजराती परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में हर तरह के किरदार निभाए। बाद के सालों में उनका मोटापा काफी बढ़ गया था और 1985 में महज 48 साल की उम्र में यही उनकी मौत का कारण बना। संजीव कुमार अपने दौर के ऐसे कलाकार थे जिनका इंडस्ट्री में कोई प्रतिस्पर्धी नहीं था। उन्होंने शोले, परिचय, आंधी, अंगूर और सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी फिल्म में यादगार भूमिकाएं निभाई हैं।

इस वजह से नहीं की शादी

इंडस्ट्री में कई हसीनाओं के साथ संजीव कुमार के अफेयर के चर्चे रहे। इनमें एक्ट्रेस हेमा मालिनी, नूतन, सिंगर सुलक्षणा पंडित इत्यादि शामिल हैं। इतने रिलेशनशिप के बावजूद उन्होंने कभी शादी नहीं की। माना जाता है कि संजीव कुमार को हर्ट अटैक की अनुवांशिक बीमारी थी। उनके परिवार में ज्यादातर मेंबर की मौत लगभग 50 साल की उम्र में हुई। उनके छोटे भाई नकुल की मौत उनसे पहले हो गई थी और एक भाई किशोर की मौत उनकी मौत के 6 महीने बाद हुई थी।

फिल्मी करियर में जीते कई अवार्ड 

अपने फिल्म करियर में संजीव कुमार ने दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। पहली बार दस्तक (1971) और दूसरी बार कोशिश (1973) के लिए। संजीव कुमार दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए भी नॉमिनेट हुए। आंधी (1976) और अर्जुन पंडित (1977) के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड भी जीता। 

मौत के बाद रिलीज हुई कई फिल्में

संजीव कुमार की मौत के बाद 10 फिल्में रिलीज हुई थीं। इनमें से अधिकांश फिल्मों की शूटिंग बाकी रह गई थी। कहानी में फेरबदल कर इन्हें प्रदर्शित किया गया था। 1993 में उनकी अंतिम फिल्म 'प्रोफेसर की पड़ोसन' प्रदर्शित हुई। इसके अलावा 'कातिल' (1986), 'हाथों की लकीरें' (1986), 'बात बन जाए' (1986), 'कांच की दीवार' (1986), 'लव एंड गॉड' (1986), 'राही' (1986), 'दो वक्त की रोटी' (1988), 'नामुमकिन' (1988), 'ऊंच नीच बीच (1989) फिल्में उनकी मौत के बाद रिलीज हुई थीं।

संजीव कुमार से जुड़ी रोचक बातेंः-

- संजीव कुमार के भाई का नाम किशोर जरीवाला है। दोनों ने फिल्म धूप-छांव में साथ काम किया। 

- गुलजार और संजीव कुमार बहुत अच्छे दोस्त थे। संजीव अपनी सभी चिंताएं उनके साथ शेयर करते थे। गुलजार ने ही उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट के लिए तैयार किया था। 

- संजीव कुमार के कई लोगों से रिश्तों की खबरें आई लेकिन उन्होंने कभी शादी नहीं की।

- शोले फिल्म से पहले उनके हेमा मालिनी के साथ रिश्ते की खबरें आई थी। शादीशुदा नूतन से भी उनके रिलेशनशिप की बातें सामने आई थी।

- जब नूतन को एहसास हुआ कि संजीव कुमार ये बातें फैला रहे हैं तो उन्होंने देवी फिल्म की यूनिट के सामने सरेआम संजीव को थप्पड़ मारा था। लोगों का मानना है कि नूतन के पति ने सबसे सामने ऐसा करने के लिए कहा था।

- संजीव कुमार ने 1960 में सायरा बानो को प्रपोज किया था लेकिन स्वीकार नहीं हुआ।

- संजीव कुमार की तीन बड़ी बहनें थी। उनके पिता का नाम जेठलाल जरीवाला और मां जावेरबेन जेठालाल जरीवाला था।

Web Title: Sanjeev Kumar death anniversary: Why he is not get married inspite affair, interesting facts

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