Sandalwood drug racket: कन्नड़ अदाकारा रागिनी द्विवेदी, संजना गलरानी को पांच दिन की हिरासत में भेजा गया
By भाषा | Published: September 25, 2020 10:07 PM2020-09-25T22:07:52+5:302020-09-25T22:07:52+5:30
ईडी ने द्विवेदी, गलरानी, राहुल ठोंसे, पार्टी आयोजित करने वाले वीरेन खन्ना और बी के रविशंकर की हिरासत का अनुरोध किया था। सभी पर मादक पदार्थ के सेवन और पार्टियों में मादक पदार्थों की आपूर्ति करने का आरोप है।
बेंगलुरुः एक विशेष अदालत ने मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार कन्नड़ फिल्म अदाकारा रागिनी द्विवेदी और संजना गलरानी तथा तीन अन्य को पांच दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने द्विवेदी, गलरानी, राहुल ठोंसे, पार्टी आयोजित करने वाले वीरेन खन्ना और बी के रविशंकर की हिरासत का अनुरोध किया था। सभी पर मादक पदार्थ के सेवन और पार्टियों में मादक पदार्थों की आपूर्ति करने का आरोप है।
स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ कानून (एनडीपीएस) अदालत में अपनी अर्जी में ईडी ने कहा कि धनशोधन की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि अपराध से भारी मात्रा में धन बनाया गया। ईडी ने कहा, ‘‘अगर अपराध से अर्जित धन को जब्त नहीं किया गया तो कानून का लक्ष्य पूरा नहीं हो पााएगा।’’ उधर,केंद्रीय अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि मादक पदार्थ आपूर्ति मामले में नाइजीरियाई नागरिक ओस्सी को गिरफ्तार किया गया।
ईडी ने कण्व समूह के संस्थापक, अन्य की 255.17 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कण्व ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक एन नंजुंदैया और उसके परिवार के सदस्यों की 255.17 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की है। ईडी ने कहा कि यह कार्रवाई निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने को लेकर की गई है।
ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘255.17 करोड़ रुपये की इन संपत्तियों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत अस्थाई तौर पर कुर्क किया गया है।’’ ये संपत्तियां कर्नाटक में अचल संपत्तियों के रूप में और एन नंजुंदैया और उसके परिवार के सदस्यों, कण्व ग्रुप ऑफ कंपनीज और अन्य निकायों के नाम पर बैंक खातों में जमा चल संपत्तियों के रूप में हैं।
बेंगलुरु में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय से शिकायतों के बाद इस मामले की जांच शुरू की गई थी। इसके बाद, एन नंजुंदैया, श्री कण्व सौहार्द को-ऑपरेटिव क्रेडिट लिमिटेड के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत बसवेश्वरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गयी।
संस्थापक और प्रमोटरों पर आवश्यक तरलता बनाये बिना कमीशन एजेंटों के माध्यम से ब्याज की ऊंची दर का आश्वासन देकर लोगों से 650 करोड़ रुपये जमा करने का आरोप लगाया गया था।