'केवल जीने भर के पैसे थे, तय करना पड़ता था कि लंच करूंगा या डिनर'; संघर्ष के दिनों का साहिल आनंद ने बयां किया दर्द
By अनिल शर्मा | Published: August 7, 2021 09:11 AM2021-08-07T09:11:25+5:302021-08-07T09:29:37+5:30
साहिल के माता-पिता इस बात से वाकिफ थे कि फिल्मों में आने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है। अभिनेता ने कहा, मेरे माता-पिता नहीं चाहते थे कि मैं इस क्षेत्र में आऊं। मैंने उनसे कभी पैसे नहीं लिए। एक्टिंग स्कूल जाने के लिए मेरे पास शायद ही पैसे थे। मेरे पास जीनेभर के लिए बस पैसे थे।
मुंबईः बॉलीवुड अभिनेता साहिल आनंद को उनके शानदार अभिनय कौशल के लिए जाना जाता है। उन्होंने 'मेरा नाम करेगा रोशन' के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी और स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 में एक कैमियो भी किया था। इस फिल्म के बाद से अभिनेता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर साहिल के लिए आसान नहीं रहा।
टाइम्स नाउ को दिए इंटरव्यू में साहिल ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया है। उन्होंने कहा कि जब अपना करियर शुरू किया था तब उनके पास बहुत कम पैसे थे। साहिल के मुताबिक उनके पास सिर्फ जीनेभर के पैसे होते थे। और यह तय करना पड़ता था कि लंच करना है फिर डिनर। बकौल साहिल, मेरे पास बस जीने के लिए पैसे थे या मेरे पास सिर्फ यह तय करने के लिए पैसे थे कि मैं रात का खाना खाऊंगा या दोपहर का भोजन। ऐसा 1-2 साल तक होता रहा। मुझे हर दिन तय करना था कि मैं लंच करूंगा या डिनर। यही वह संघर्ष था जिससे मैं गुजरा था।
साहिल ने आगे कहा कि वह संपन्न परिवार से होते हुए भी बिना बिस्तर के 5-6 लोगों के साथ सोते थे। उन्होंने कहा, बिना बिस्तर वाले घर में 5-6 लोगों के साथ रहा हूं। नीचे सोते थे। यह तब और मुश्किल होता है जब आप एक अच्छे परिवार से हों। मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा। मैं एक अच्छे परिवार से हूं और अपनी मर्जी से आया हूं।
माता-पिता नहीं चाहते थे कि वे फिल्में में आएंः साहिल
साहिल के माता-पिता इस बात से वाकिफ थे कि फिल्मों में आने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है। अभिनेता ने कहा, मेरे माता-पिता नहीं चाहते थे कि मैं इस क्षेत्र में आऊं। मैंने उनसे कभी पैसे नहीं लिए। एक्टिंग स्कूल जाने के लिए मेरे पास शायद ही पैसे थे। मेरे पास जीनेभर के लिए बस पैसे थे।