पहले मैं सोचती थी कि फिल्मों से जुड़े लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं?
By असीम चक्रवर्ती | Published: August 12, 2018 07:47 AM2018-08-12T07:47:15+5:302018-08-12T07:47:15+5:30
फिल्म ‘शकीला’ के लिए हुमा कुरैशी और स्वरा भास्कर ने भी काफी जोर-आजमाइश की थी, पर यह फिल्म अंतत: रिचा चड्ढा के हाथ लगी।
फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से लेकर ‘दास देव’ तक रिचा चड्ढा ने अपनी अभिनय प्रतिभा के बल पर काफी शोहरत बटोरी है। अब वह सिर्फ अभिनय ही नहीं बल्कि संगीत यानी कि गायन के क्षेत्र में भी किस्मत आजमा चुकी हैं। तो वहीं एक लघु फिल्म का निर्माण व निर्देशन कर चुकी हैं। इन दिनों वह एक किताब लिखने के अलावा एक फीचर फिल्म की पटकथा भी लिख रही हैं। तो वहीं दक्षिण भारत की सर्वाधिक लोकप्रिय रही अभिनेत्री शकीला खान के जीवन पर बन रही इंद्रजीत लंकेश की बोल्ड फिल्म ‘शकीला’ में अभिनय करने जा रही हैं। मजेदार बात यह है कि फिल्म ‘शकीला’ के लिए हुमा कुरैशी और स्वरा भास्कर ने भी काफी जोर-आजमाइश की थी, पर यह फिल्म अंतत: रिचा चड्ढा के हाथ लगी। तो वहीं हाल ही में इंडियन फिल्म फेस्टिवल, लंदन ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर बनी फिल्म ‘लव सोनिया’ के लिए पुरस्कृत होकर लौटी हैं।
आप शकीला की बायोपिक फिल्म कर रही हैं। आपने इसे क्यों चुना। कोई दूसरी बायोपिक क्यों नहीं चुना?
- कई वजह हैं। शकीला की कहानी में सबसे बड़ी बात यह है कि वह एक मोटी औरत है। कट्टर मुसलमान है। पूरी जिंदगी बुरखा पहनकर घूमती रही। फिल्मों में अभिनय करने के लिए उसने बॉडी डबल रखा हुआ था। हर फिल्म में उसने बॉडी डबल से सारे दृश्य करवाए और खुद आराम से सड़क पर घूमती थी। सब्जी खरीदती थी। उसकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि उसने पुरुष प्रधान फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग जगह बनाई। उसने दक्षिण के कई सुपर स्टार का कद घटाया।
चर्चाएं हैं कि फिल्म ‘शकीला’ में सेक्स की बहुतायत होगी? यह एक अति बोल्ड फिल्म है?
- इस फिल्म में सेक्स बिल्कुल नहीं है। शकीला पूरी तरह से नारीवादी महिला है। वह पुरुषों को बड़ी शांति से समझा देती थी कि हमारा अपना हक है, जिसे कोई छीन नहीं सकता। इस फिल्म में शकीला की टीनएजर उम्र से उसके इंडस्ट्री छोड़ने तक की यात्रा है। शकीला ने 16 साल की उम्र में फिल्मों में कदम रखा था और कई एडल्ट फिल्मों में अभिनय किया था।
इसके अलावा कौन सी फिल्में कर रही हैं?
- शकीला के अलावा फिल्म ‘सेक्शन 375’ कर रही हूं। इसके अलावा ‘इनसाइड एज’ का सीजन 2 भी कर रही हूं। जबकि ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर बनी फिल्म ‘लव सोनिया’ भी जल्द प्रदर्शित होने वाली है। डेविड बोमार्क निर्मित और तबरेज नूरानी निर्देशित सेक्स ट्रॉफीकिंग पर आधारित फिल्म ‘लव सोनिया’ के लिए हाल ही में ‘लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल’ में मुझे आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। दस अगस्त को यह फिल्म ‘इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबोर्न’ में दिखाई जाएगी। इसके अलावा लखनऊ में फिल्म ‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’ की शूटिंग पूरी है।
कुछ लोग कहते हैं कि नारी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाली महिलाएं ही सबसे ज्यादा भ्रष्ट हैं?
- मुझे पता नहीं कि आप किनकी बात कर रहे हैं। मेरी राय में नारीवाद का मतलब है कि नारी भी पुरुषों की तरह अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। पर यदि पुरुष बेवकूफ है तो नारी भी बेवकूफ होने का हक रखती है। अब वह बेवकूफी में सिगरेट या शराब पीती है तो यह उनका हक है। पुरुष भी सिगरेट या शराब पीते हैं तो यह उनका हक है। यदि औरतें भी बेवकूफी में बराबरी चाहती हैं तो गलत क्या है।
पर इतने समय से बॉलीवुड में काम करते हुए आप खुद में कुछ तो बदलाव महसूस करती होंगी?
- पहले मैं सोचती थी कि फिल्मों से जुड़े लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं? अब मैंने यह सब सोचना छोड़ दिया है। इसके अलावा मुझमें कोई बदलाव नहीं आया। मैं लोगों की सुनती हूं, फिर भूल जाती हूं। मैं अपना काम ईमानदारी से करती जा रही हूं। पर लोग हमेशा याद करेंगे कि बॉलीवुड में सबसे ज्यादा रिस्क मैंने लिया।
आपके अंदर आकर्षण का केंद्र क्या है?
- मेरी आंखें। मेरी आंखें बहुत ही ज्यादा सेक्सी हैं।