रवीना टंडन ने करियर को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा- शुरुआती दिनों में स्टूडियो पर साफ करती थी उल्टियां
By मनाली रस्तोगी | Published: April 23, 2022 03:56 PM2022-04-23T15:56:29+5:302022-04-23T15:57:22+5:30
रवीना का कहना है कि एक फिल्मी परिवार से आने के बावजूद उन्होंने विज्ञापन फिल्म निर्माता प्रह्लाद कक्कड़ के ऑफिस में एक इंटर्न के रूप में शुरुआत करने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है।
मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन इन दिनों फिल्म 'केजीएफ: चैप्टर 2' को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दर्शक इस फिल्म को काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं, रवीना ने हाल-फिलहाल में फिल्म इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दिनों को याद किया। मालूम हो, एक्ट्रेस ने साल 1991 में फिल्म पत्थर के फूल के जरिये अपने फिल्मी करियर का आगाज किया था। उनका जन्म फिल्ममेकर रवि टंडन के घर में हुआ, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में कुछ ऐसी चीजें कीं जिनके बारे में जानकर फैंस भी हैरान हैं।
रवीना का कहना है कि एक फिल्मी परिवार से आने के बावजूद उन्होंने विज्ञापन फिल्म निर्माता प्रह्लाद कक्कड़ के ऑफिस में एक इंटर्न के रूप में शुरुआत करने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है। रवीना ने याद किया कि उनकी शुरुआती जिम्मेदारियों में स्टूडियो के फर्श को साफ रखना शामिल था। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि वह सोचती हैं कि उनकी सफलता में भाग्य की भी भूमिका थी क्योंकि वह यह सोचकर कभी बड़ी नहीं हुईं कि वह एक एक्ट्रेस बनने जा रही हैं, लेकिन उनके लिए हमेशा चीजें सही होती थीं।
मिड-डे को दिए एक इंटरव्यू में रवीना टंडन ने कहा, "यह सच है। मैंने स्टूडियो के फर्श की सफाई से लेकर स्टॉल के फर्श और स्टूडियो के फर्श और सामान से उल्टी को पोंछने तक की शुरुआत की। मैंने प्रह्लाद कक्कड़ को असिस्ट भी किया। मुझे लगता है कि मैं जब 10वीं कक्षा से पास हुई थी, ये तब की बात है। उस समय भी वे कहते थे कि आप पर्दे के पीछे क्या कर रही हैं, आपको स्क्रीन के सामने होना है, यही आपके लिए है और मैं 'नहीं नहीं, मैं, एक अभिनेत्री हूं? कभी नहीं' कहती रहती थी। मैं इस इंडस्ट्री में वास्तव में अपने आप ही हूं, मगर यह सोचकर कभी बड़ी नहीं हुई कि मैं एक अभिनेत्री बनने जा रही हूं।"
अपनी बात को जारी रखते हुए एक्ट्रेस ने कहा, "हर बार जब कोई मॉडल प्रह्लाद के सेट पर नहीं आती था, तो वह कहते थे 'रवीना को बुलाओ,' वह मुझसे मेरा मेकअप करने और पोज देने के लिए कहते थे। तो मैंने सोचा कि अगर करना ही है तो बार-बार फ्री में प्रह्लाद के लिए क्यों करूं, क्यों न इसमें से कुछ पॉकेट मनी बनाऊं और ठीक यही सोचकर मैंने मॉडलिंग की शुरुआत की। फिर मुझे फिल्मों के ऑफर मिलते रहे और मेरे पास न अभिनय की ट्रेनिंग थी, न डांस की ट्रेनिंग, न डायलॉग डिलीवरी की ट्रेनिंग थी। मुझे लगता है कि मैं इस पूरी प्रक्रिया में विकसित हुई और सब सीखा।"