'रामायण' में जिस संजीवनी बूटी से लक्ष्मण को मिला था जीवनदान, वो सुषेण वैघ का रोल निभाने वाले उज्जैन में करते थे ये छोटा सा काम
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 16, 2020 11:13 AM2020-04-16T11:13:38+5:302020-04-16T11:13:38+5:30
रमेश चौरसिया ने अपनी भूमिका के फोटो फ्रेम कर अपनी दुकान पर लगवा दिए थे जिसे लोग आते-जाते देखा करते थे।
दुनियाभर में कोराना वायरस का कहर फैला हुआ है। भारत में भी इस वायरस ने अपने कदम फैला लिए हैं।। देश में कोरोना वायरस की वजह से 3 मई तक का लॉकडाउन जारी है। हर राज्य की सरकार इस लॉकडाउन को सक्सेसफुल बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक रही। ऐसे में लोगों की मांग पर एक बार फिर से 90 के दशक के सीरिल्य शुरू किए गए। इन्हीं में से एक है रामानंद सागर की रामायण भी। हाल ही में इसका प्रसारण दूरदर्शन पर शुरू हुआ है।
रामायण अपने फिर से प्रसारण के साथ फिर से फैंस के बीच छा गई है। दूरदर्शन पर आ रहे रामायण के हर एक किरदार से फिर से लोगों को प्यार हो गया है। शो टीआरपी में नंबर एक पर चल रहा है। रामायम में इंद्रजीत के द्वारा चलाए बांण से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं तो लक्ष्मण के मूर्छित होने पर उनके लिए लाई गई संजीवनी बूटी को पीस कर उसे एक जीवनदायिनी दवा का रूप देने वाले सुषेण वैद्य ने अपनी छोटी सी भूमिका से ही दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस छोटे से किरदार को उज्जैन के एक शख्स ने निभाया था। इस रोल को स्व रमेश चौरषिया ने प्ले किया था। खास बात ये है कि वह वह उज्जैन में पान की दुकान चलाया करते थे।
खबर के अनुसार सालों पहले खुद रमेश ने बताया था कि रावण का रोल निभाने वाले अरविंद्र त्रिवेदी से उनकी अच्छी दोस्ती थी, उनके कारण से ही उनको ये अहम रोल मिला था। उस समय रमेश दाढ़ी और लंबे बाल भी रखा करते थे ऐसे में उनको रामांनद सागर ने वैद्यराजका रोल दिया था।
रामायण में ये एक किरदार निभाने के बाद उनको जबरदस्त ख्याति भी मिली थी। लोग उनको असल में वैघ समझकर मिलने पहुंच जाते थे। रामायण में प्रसिद्ध मिलने के बाद भी उन्होंने खुद को बिल्कुल भी नहीं बदला।