रजनीकांत ने तमिलनाडु में शराब की दुकानें खोले जाने पर सरकार को दी चेतावनी, कहा-उन्हें सत्ता वापसी का सपना....
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: May 11, 2020 06:27 AM2020-05-11T06:27:41+5:302020-05-11T06:28:24+5:30
तमिलनाडु में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच दुकान खुलने पर तनातनी जारी है। इसी बीच राज्य सरकार को रजनीकांत ने भी चेतावनी दे दी है।
कोरोना वायरस का कहर देश भर में देखने को मिल रहा है। ऐसे में इन दिनों देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई तक का लॉकडाउन घोषित कर रखा है। ऐसे में सभी लोग इसका पालन कर रहे हैं और घर में ही रहकर अपना काम कर रहे हैं। इस दौरान कई बॉलीवुड सेलिब्रेटीज भी लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहे। इस बार के लॉकडाउन में सरकार ने 4 मई से लोगों को एक खास छूट भी दी है।
सरकार ने कई राज्यों में शराब पर लगे बैन को हटा दिया है। भारत में इसके बाद से ही कई राज्यों से शराब की दुकानों के आगे लंबी लाइनों की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रही है। शराब का क्रेज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने की वजह से लोगों में काफी नाराजगी थी। थोड़ी राहत मिलते ही लोग दुकानों पर टूट पड़े। वहीं तमिलनाडु में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच दुकान खुलने पर तनातनी जारी है।
इस बीच सुपरस्टार रजनीकांत ने शराब की दुकानें दोबारा खोलने के खिलाफ सत्तारुढ़ अन्नाद्रमुक (AIADMK) को यह कहते हुए चेतावनी दी है कि यदि ऐसा हुआ तो पार्टी को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जीतकर फिर से सत्ता में आने का 'सपना' नहीं देखना चाहिए।
रजनीकांत ने एक ट्वीट में कहा कि अगर ऐसी परिस्थितियों में शराब की दुकानें खुलती हैं, तो उन्हें सत्ता वापसी का सपना भूल जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वे अपने खजाने को भरने के लिए दूसरे अच्छे तरीके खोजें। उन्होंने लिखा, 'कृपया कोष भरने के बेहतर रास्तें ढूंढें।'
இந்த நேரத்தில் அரசு டாஸ்மாக் கடைகளை மறுபடி திறந்தால் மீண்டும் ஆட்சிக்கு வரும் கனவை மறந்து விட வேண்டும். தயவுகூர்ந்து #கஜானாவை_நிரப்ப_நல்ல_வழிகளை_பாருங்கள்
— Rajinikanth (@rajinikanth) May 10, 2020
वहीं, अभिनेता से नेता बने कमल हासन की पार्टी मक्कल नीधि माईम (एमएनएम) और एक वकील ने शर्तों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था।
दुकानों पर भारी भीड़ थी और लोगों (शराब खरीदे गए ग्राहकों) की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया था। हालांकि, यह ऑनलाइन मोड के जरिए शराब की घरों तक की जाने वाली डिलीवरी की अनुमति देता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वायरस को रोकने के लिए ऑनलाइन डिलीवरी के बारे में साचें।