Rajesh Khanna Birthday Special: 'अहंकारी' होने के सवाल पर राजेश खन्ना ने बड़ी खूबसूरती से दिया था ये जवाब, तालियों से गूंज उठा था पूरा हॉल
By ज्ञानेश चौहान | Published: December 29, 2019 12:38 PM2019-12-29T12:38:39+5:302019-12-29T12:38:39+5:30
राजेश खन्ना ने फिल्मों के अलावा राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई। उनका राजनीतिक सफर साल 1991 से शुरू हुआ। वे साल 1991 में कांग्रेस के टिकट पर नई दिल्ली की लोकसभा सीट से चुने गए थे।
बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन आज भी उनके अंदाज, डायलॉग्स और फिल्में कई लोगों के जहन में जिंदा हैं। राजेश खन्ना का आज ही के दिन यानी 29 दिसंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर में जन्म हुआ था। बचपन में उन्हें जतिन खन्ना नाम से पुकारा जाता था। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें राजेश खन्ना और काका के नाम से पुकारा जाने लगा।
अहंकारी वाले सवाल का ये था जवाब
राजेश खन्ना के बारे में ऐसी बातें अक्सर होती हैं कि वे निजी जीवन में काफी एरोगेंट (अहंकारी) हैं। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद अपने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। आपकी अदालत कार्यक्रम में जब राजेश खन्ना से पूछा गया था कि आप फिल्मों में तो ठीक हैं लेकिन निजी जीवन में काफी एरोगेंट (अहंकारी) हैं, तो इस सवाल का उन्होंने बड़े ही खूबसूरत अंदाज से जवाब दिया था। यहां उन्होंने जिंदगी से जुड़ी कई बातों के साथ-साथ अपने बिहेवियर के बारे में बहुत ही शानदार तरीके से बताया था।
राजेश खन्ना ने कहा, "अगर मैं एरोगेंट होता तो एरोगेंस नजर आती, क्योंकि ये पब्लिक है, ये सब जानती है, अंदर क्या है और बाहर क्या है। आज मैं जो कुछ भी हूं, इन्हीं की बदौलत हूं।" राजेश खन्ना के इस जवाब को सुनकर दर्शक काफी खुश हुए थे और जमकर तालियां बजाई थीं।
जब राजेश खन्ना से यह कहा गया कि आप अपने दिल पर हाथ रखकर कसम खाइए कि आप जो भी कहेंगे सच कहेंगे, सच के सिवा और कुछ भी नहीं कहेंगे। इसका बड़े ही दिलकश अंदाज में जवाब देते हुए राजेश खन्ना ने कहा था, "वैसे आजकल दिल कहां मिलता है, बहुत मुश्किल से मिलता है। किसे अपना कहें इस काबिल नहीं मिलता, यहां पत्थर तो बहुत मिलते हैं मगर दिल नहीं मिलता।"
बचपन से ही फिल्मों की तरफ रुझान
आपको बता दें कि राजेश खन्ना का बचपन से ही फिल्मों की तरफ काफी रुझान था। वे एक्टर बनने का बचपन से ही सपना देखते थे लेकिन उनके पिता को ये बात पसंद नहीं आती थी, वे काफी सख्त छवि वाले व्यक्ति थे।
पिता के सख्त रवैये के बावजूद राजेश खन्ना ने एक्टर बनने का सफर तय किया। उन्होंने करियर की शुरुआत रंगमंच से की। राजेश खन्ना ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1996 में चेतन आनंद की फिल्म 'आखिरी खत' से की थी, लेकिन उनका फिल्मी सितारा फिल्म 'आराधना' से चमका था। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक शक्ति सामंत थे।
'आराधना' से मिली सफलता
फिल्म 'आराधना' की सफलता के बाद तो मानो राजेश खन्ना के सामने फिल्मों की लाइन लग गई। इसके बाद उन्होंने शक्ति सामंत की फिल्म 'कटी पतंग', 'अमर प्रेम', 'अनुराग', 'अजनबी', 'अनुरोध' और 'आवाज' में शानदार अभिनय से लोगों का दिल जीता।
राजेश खन्ना 70 के दशक में अपने करियर की बुलंदियों तक पहुंच चुके थे। उनकी पहचान एक रोमांटिक हीरो के रूप में होने लगी। उस दौर में खासकर लड़कियां राजेश खन्ना की दीवानी हुआ करती थीं।
कॉमेडी और नेगेटिव किरदार भी किया
रोमांटिक फिल्मों के अलावा राजेश खन्ना ने कॉमेडी फिल्म 'बावर्ची' में भी काम किया था। इस फिल्म के जरिए उन्होंने यह साबित किया कि वे रोमांटिक फिल्मों के अलावा भी और कई किरदारों में जान डाल सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने आनंद, अलग-अलग जैसी फिल्मों में भी शानदार अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया।
राजनीति में भी आजमाया हाथ
राजेश खन्ना ने फिल्मों के अलावा राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई। उनका राजनीतिक सफर साल 1991 से शुरू हुआ। वे साल 1991 में कांग्रेस के टिकट पर नई दिल्ली की लोकसभा सीट से चुने गए थे। राजेश खन्ना ने अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 125 फिल्मों में काम किया। लेकिन बॉलीवुड में अपने शानदार अभिनय का लोहा मनवाने वाले किंग ऑफ रोमांस का 18 जुलाई 2012 को निधन हो गया और इस सुपरस्टार के जीवन का सफर यहीं समाप्त हुआ। लेकिन आज भी उनकी फिल्में और डायलॉग्स लोगों के दिलों पर राज करते हैं।