जानिए, कैसे बॉलीवुड में छाया 'प्रेम' नाम का जादू, सूरज बड़जात्या की फिल्मों ने दिया सलमान का यह आइकॉनिक नाम

By भाषा | Published: March 5, 2019 04:03 PM2019-03-05T16:03:38+5:302019-03-05T16:03:38+5:30

वर्तमान में बॉलीवुड में सलमान खान को भले ही ‘सुल्तान’ या ‘भाईजान’ के नाम से जाना जाता हो लेकिन उसके पहले सुपरस्टार फिल्म जगत में ‘प्रेम’ नाम से जाने जाते थे

origins of prem how sooraj barjatya came up with salman khan iconic screen name | जानिए, कैसे बॉलीवुड में छाया 'प्रेम' नाम का जादू, सूरज बड़जात्या की फिल्मों ने दिया सलमान का यह आइकॉनिक नाम

जानिए, कैसे बॉलीवुड में छाया 'प्रेम' नाम का जादू, सूरज बड़जात्या की फिल्मों ने दिया सलमान का यह आइकॉनिक नाम

 वर्तमान में बॉलीवुड में सलमान खान को भले ही ‘सुल्तान’ या ‘भाईजान’ के नाम से जाना जाता हो लेकिन उसके पहले सुपरस्टार फिल्म जगत में ‘प्रेम’ नाम से जाने जाते थे, जो फिल्म निर्माता-निर्देशक सूरज बड़जात्या द्वारा दिया गया एक लोकप्रिय स्क्रीन नाम है। सूरज बड़जात्या ने अपनी अधिकांश फिल्मों में नायक का नाम प्रेम ही रखा है। इस संबंध में बड़जात्या का कहना है कि यह नाम उनकी फिल्मों व परिवार की भावना से जुड़ा है।

बड़जात्या ने 1989 की फिल्म ‘‘मैने प्यार किया’’ से अपने निर्देशन की शुरुआत की थी, जिसमें सलमान खान ने प्रेम का किरदार निभाया था। इस फिल्म के जरिये सलमान ने पहली बार लीड रोल किया था। यह फिल्म तब सुपरहिट रही थी।

इसके बाद दोनों ने "हम आपके हैं कौन", "हम साथ-साथ हैं" और "प्रेम रतन धन पायो" जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया, जिसमें खान के सभी किरदारों के नाम प्रेम था ।

यहां तक कि बड़जात्या ने सलमान खान के बिना जिन दो फिल्मों का निर्देशन किया, उनमें "मैं प्रेम की दिवानी हूं" में ऋतिक रोशन और "विवाह" में शाहिद कपूर के मुख्य किरदार का नाम भी प्रेम ही था। उन्होंने इन फिल्मों में भी उसके पुरुष नायक का नाम प्रेम को बरकरार रखा था।

पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में बड़जात्या ने कहा कि इस नाम में वह सबकुछ शामिल हैं, जो वह चाहते हैं, जिसे वह अपनी फिल्मों के माध्यम से कहना चाहते हैं।

निर्देशक ने कहा, ‘‘‘प्रेम’ एक ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है जिसके पास उसके मूल अधिकार हैं, जो पारंपरिक रूप से अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है, जो बहुत ही संस्कारी है, अपने परिवार के साथ रहना पसंद करता है और दिल से अच्छा है।’’ 

बड़जात्या का कहना है कि बहुत सोच-समझकर इस नाम का चयन किया गया था, जो अब उनकी हर फिल्म की एक पहचान बन गई है। निर्देशक ने कहा कि नाम पर बहुत विचार-विमर्श किया गया था। कई नामों पर चर्चा हुई। 

उस समय हमारी राजश्री प्रोडक्शंस की सबसे सुपरहिट फिल्म 'दुल्हन वही जो पिया मन भाये' (1977) थी। प्रेम कृष्ण जी उसमें नायक थे और उस फिल्म में उनका नाम 'प्रेम' था।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम सभी ने सोचा कि यदि इस नाम से यह फिल्म हिट हुई है तो क्यों न हम इसी नाम को अपनी अगली फिल्म में भी इस्तेमाल करें, शायद यह फिल्म भी हिट हो जाए। इसी सोच से हमने इस नाम को अपनी फिल्म में रखा। यही कहानी है इस नाम का, जहां से इसकी यात्रा शुरू हुई और अब तक यह परंपरा जारी है।’’ 

बड़जात्या का कहना है कि जिन पारिवारिक आदर्शों व परंपराओं को देखकर वे बड़ा हुये हैं, उसी चीज को वह अपनी फिल्मों में दिखाने की कोशिश करते हैं। 

बड़जात्या की लगभग सभी फिल्में पारिवारिक ड्रामा पर आधारित है, जिसमें एक संपन्न घराने की कहानी होती है, जिसमें एक बड़ा संयुक्त परिवार को दिखाया जाता है। उनकी फिल्में मुख्य रूप से पारिवारिक संबंधों, उसके संस्कार, सिद्धांत और उसके महत्त्व को दर्शाती है। उनकी फिल्मों का मूल मर्म पारिवारिक ‘प्रेम’ पर आधारित होता है।

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