कान फिल्म फेस्टिवल में अच्युतानंद द्विवेदी की फिल्म 'सीड मदर' को मिला अवॉर्ड, इस सब्जेक्ट पर बेस्ड है कहानी
By भाषा | Published: May 19, 2019 09:41 AM2019-05-19T09:41:06+5:302019-05-19T09:41:06+5:30
भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए 72वें कान फिल्म महोत्सव निराशानजक रहा है क्योंकि आधिकारिक तौर पर किसी भी फिल्म की एंट्री इस साल नहीं हुई। लेकिन अच्युतानंद द्विवेदी ने ‘सीड मदर’ के लिए तीसरा पुरस्कार जीत कर भारतीय दर्शकों को एक खुशखबरी दे दी।
उनकी तीन मिनट की फिल्म ’सीड मदर’ को शुक्रवार की रात में ‘इंटरनेशनल सेक्शन ऑफ नेसप्रेसो टैलेंट्स 2019’ श्रेणी में तीसरा पुरस्कार दिया गया। कान समालोचक सप्ताह में ‘इंटरनेशनल सेक्शन ऑफ नेसप्रेसो टैलेंट्स’ का आयोजन सालाना किया जाता है।
इस कैटेगरी में सिर्फ वही फिल्में होती हैं जिसे वर्टिकल 9/16 के फॉर्मेट में शूट किया गया हो। इस साल की फिल्म का थीम ‘ वी आर व्हाट वी ईट’ रखा गया था। इसमें भोजन से जुड़ी हुई विविधता, सूचना और अनुभव पर आधारित फिल्मों को शामिल किया गया। इस वर्ग में 47 देशों से 371 वीडियो आए थे।
द्विवेदी की फिल्म ‘ सीड मदर’ में महाराष्ट्र की एक महिला राहिबाई सोमा पोपेरे की कहानी है। वह स्थानीय बीजों और पारंपरिक तरीके से महाराष्ट्र के गांवों में खेती को आगे बढ़ाई हैं। फिल्मनिर्माता का जन्म मुंबई में हुआ और वह वहीं पले-बढ़े हैं। लेकिन अब पुडुचेरी में रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि मुंबई के जीवन की जो रफ्तार है, वह मुझे खत्म कर रही है।’’ द्विवेदी को पोपेरा का बारे में उस समय पता लगा था जब वह उनसे अच्छी बीज के बारे में पता कर रहे थे।