बर्थडे स्पेशल: मुंबई के थिएटरों में चलता था दारा सिंह का सिक्का, ज्यादातर सभी में लगती थी सिर्फ एक्टर की फिल्में

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 19, 2019 08:47 AM2019-11-19T08:47:32+5:302019-11-19T08:47:32+5:30

1947 के जिस दौर से दारा सिंह ने पहले खेल और फिर फिल्मों के जरिए अपना परचम लहराया उसका आज भी कोई सानी नहीं है

Most of theaters in Mumbai only had Dara Singh films! | बर्थडे स्पेशल: मुंबई के थिएटरों में चलता था दारा सिंह का सिक्का, ज्यादातर सभी में लगती थी सिर्फ एक्टर की फिल्में

बर्थडे स्पेशल: मुंबई के थिएटरों में चलता था दारा सिंह का सिक्का, ज्यादातर सभी में लगती थी सिर्फ एक्टर की फिल्में

Highlightsआज 19 नवंबर को फेमस फिल्म-टीवी अभिनेता, निर्माता-निर्देशक और पहलवान दारा सिंह का जन्मदिन है.आज वह जिंदा होते तो 91 बरस के होते, लेकिन सात साल पहले 12 जुलाई 2012 को नियति ने इस महान शख्सियत को हमसे छीन लिया

आज 19 नवंबर को फेमस फिल्म-टीवी अभिनेता, निर्माता-निर्देशक और पहलवान दारा सिंह का जन्मदिन है. यदि आज वह जिंदा होते तो 91 बरस के होते, लेकिन सात साल पहले 12 जुलाई 2012 को नियति ने इस महान शख्सियत को हमसे छीन लिया. दारा सिंह ऐसे व्यक्ति रहे जिन्होंने फिल्म, टीवी, खेल, राजनीति हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कीं.

1947 के जिस दौर से दारा सिंह ने पहले खेल और फिर फिल्मों के जरिए अपना परचम लहराया उसका आज भी कोई सानी नहीं है. दारा सिंह एक पहलवान के रूप में तो विश्व विजेता बने, लेकिन उन्होंने अपनी फिल्मों से भी बेमिसाल रिकॉर्ड बनाए. उन्होंने अपने दौर के बड़े-बड़े नायकों को कड़ी टक्कर दी और अपना सिक्का फिल्म इंडस्ट्री में भी ऐसे चलाया कि सभी दंग रह गए.

दारा सिंह की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि सन 1965 में उनकी अकेले की 12 फिल्में रिलीज हुईं थीं. उन दिनों मुंबई के अधिकतर थिएटरों में दारा सिंह की एक साथ 15 फिल्में चल रही थीं. उनके फिल्मी करियर की असल शुरुआत 1962 में 'किंग कांग' से हुई थी. मुमताज के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी और 1963 में आई 'फौलाद' के बाद इस जोड़ी की कुल 16 फिल्में आईं.

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'वीर भीमसेन', 'हरक्यूलिस', 'सैमसन', 'सिकंदर ए आजम', 'रूस्तम-ए-हिंद', 'टारजन एंड किंग कांग', 'बाक्सर' जैसी उनकी कई फिल्मों ने धूम मचा दी थी. यह मेरा सौभाग्य है इस महान हस्ती से मेरा करीब 25 बरसों तक बहुत अच्छा नाता रहा. आयु और उपलब्धियों में वह मुझसे बहुत बड़े थे लेकिन मेरे घनिष्ठ मित्र थे. उनके साथ कई मुलाकातें आज भी सुनहरी और मीठी यादों के रूप में जेहन में बसी हैं. अपनी सादगी और नेकदिली की बदौलत जो मान-सम्मान दारा सिंह को मिला वह किसी विरले को ही मिल पाता है.

फिल्मों में भी बने थे बजरंग बली दारा सिंह की जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब 1987 में रामानंद सागर ने उन्हें अपने 'रामायण' सीरियल में हनुमान की भूमिका दी. इससे दारा सिंह घर-घर में हनुमान के रूप में सर्वमान्य हो गए. इससे पहले 1976 में फिल्मकार चंद्रकांत की फिल्म 'बजरंग बली' में भी उनके इस किरदार को काफी पसंद किया गया था.

Web Title: Most of theaters in Mumbai only had Dara Singh films!

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