महान दिवंगत गायक मोहम्मद रफी के बेटे के लिए घर बचाना हुआ मुश्किल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 13, 2019 09:33 AM2019-10-13T09:33:29+5:302019-10-13T09:33:29+5:30
एचडीएफसी बैंक ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर इमारत की पांचवीं मंजिल पर स्थित शाहिद के फ्लैट पर कब्जा मांगा है.
मशहूर गायक मोहम्मद रफी के निधन के 40 वर्ष बाद उनके बेटे के लिए अपना पैतृक घर बचाना मुश्किल हो गया है. बांद्रा की 28 रोड स्थित रफी मेंशन 1970 के दशक में रफी ने बनवाया था जिसके लिए उनके बेटे शाहिद रफी को कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है.
एचडीएफसी बैंक ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर इमारत की पांचवीं मंजिल पर स्थित शाहिद के फ्लैट पर कब्जा मांगा है. जो बंगला रफी ने बनवाया था उसे 1980 में गिराकर यह इमारत बनवाई गई थी. बैंक ने दावा किया है कि शाहिद ने निंबस इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम की कंपनी ने फ्लैट बेचने की डील की थी और कंपनी ने फ्लैट खरीदने के लिए बैंक से 4.16 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. जब निंबस पैसे वापस नहीं कर पाया तो बैंक ने कोर्ट में संपित्त पर दावा ठोंका है.
शाहिद ने बताया की फ्लैट की कीमत करीब 5 करोड़ रु. है. उन्होंने कहा है कि वह निंबस को प्रॉपर्टी बेचना नहीं चाहते थे बल्कि नवंबर 2017 में एक कर्ज चुकाने के लिए सिर्फ कुछ वक्त के लिए एक समझौता किया था. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने जितने पैसे देने के लिए कहा था उतने दिए नहीं, इसलिए समझौता निभाया ही नहीं गया.
उन्होंने यह भी दावा किया कि आथॉरिटीज के पास समझौते का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था, तो उसे मानने की कोई वजह नहीं है.
कोर्ट से नहीं मिली राहत
कोर्ट ने यह कहते हुए शाहिद को राहत देने से इनकार कर दिया कि डील को कैंसल किया गया, इससे पता चलता है कि बिक्री तो हुई थी. हालांकि, डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल ने स्टे देकर उन्हें राहत दी है.
कंपनी को प्रॉपर्टी जब्त करने का अधिकार
टेड रिकवरी ट्राइब्यूनल में उन्होंने बताया कि निंबस से समझौते में उन्हें सिर्फ 1.95 करोड़ रु. मिले जबकि समझौते में 3.16 करोड़ रु. का जिक्र है. उन्होंने बताया कि निंबस के डायरेक्टर ने उनसे कोई भी चेक डिपॉजिट नहीं करने के लिए कहा था. एडवोकेट फिरोज भरूचा ने एचडीएफसी बैंक की ओर से कहा कि शाहिद और निंबस के बीच समझौता पूरा हुआ है जिसके कारण बैंक के पास प्रॉपर्टी जब्त करने का अधिकार है.