मनोज बाजपेयी ने नेपोटिज्म को बताया भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की व्यर्थ बहस, कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: March 3, 2023 02:27 PM2023-03-03T14:27:43+5:302023-03-03T14:28:49+5:30
मनोज बाजपेयी ने नेपोटिज्म को बेकार की बहस बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शक अक्सर भेदभाव करते हैं।
मुंबई: अभिनेता मनोज बाजपेयी ने नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को भारतीय फिल्म उद्योग में एक व्यर्थ बहस कहा है। उन्होंने ये भी कहा कि इसका संबंध उन कनेक्शन और रिलेशनशिप है जो कोई बनाता है। मनोज ने यह भी कहा कि असली समस्या फिल्म प्रदर्शनियों में है जो अक्सर भेदभाव करते हैं। अभिनेता ने यह भी कहा कि केवल एक उद्योग से निष्पक्षता की मांग करना सही नहीं है।
मनोज ने कहा कि विरोधाभास होता है और अगर कोई व्यक्ति निष्पक्षता मांग रहा है तो जीवन के हर चरण में निष्पक्षता की मांग करें। एएनआई से बात करते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद एक व्यर्थ बहस है। ज्यादातर समय यह उन कनेक्शनों और रिश्तों के साथ होता है जो एक बनाता है। यदि आप किसी के साथ सहज महसूस करते हैं, तो आप उनके साथ और अधिक काम करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई मेरी जगह अपने रिश्तेदार को फिल्म में कास्ट करना चाहता है तो रहने दो। आखिरकार, यह उनका फैसला है, वे जो चाहें कर सकते हैं। मुख्य समस्या फिल्म प्रदर्शनियों में है। प्रदर्शक अक्सर भेदभाव करते हैं। मनोज ने कहा कि जब आप उन्हें 100 स्क्रीन दे रहे हैं तो कम से कम 25 मुझे दे दीजिए। क्या आप उसे सब कुछ देंगे? जो जितना अधिक शक्तिशाली होता है, वह उतना ही अधिक दावा करना चाहता है।
बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी को हाल ही में डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई पारिवारिक ड्रामा गुलमोहर में देखा गया था। राहुल वी चित्तेला द्वारा निर्देशित गुलमोहर में शर्मिला टैगोर, अमोल पालेकर, सूरज शर्मा, सिमरन और कावेरी सेठ भी हैं। यह चॉकबोर्ड एंटरटेनमेंट और ऑटोनॉमस वर्क्स के सहयोग से स्टार स्टूडियोज द्वारा निर्मित है।