Lootcase Review: शानदार एक्टिंग और जबरदस्त कॉमेडी का तड़का लगाती है 'लूटकेस', पढ़ें रिव्यू
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 1, 2020 07:41 AM2020-08-01T07:41:16+5:302020-08-01T07:41:16+5:30
Lootcase Review डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की फ़िल्म लूटकेस एक पुरानी कहानी और कॉन्सेप्ट के साथ हाजिर है। लेकिन इसके एक्टर्स इसे देखने लायक बनता हैं। पढ़िए पूरा रिव्यू।
थिएटर में पिछले काफी समय से फिल्में रिलीज नहीं हो रही हैं। ऐसे में फिल्में अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जा रही हैं। इसी बीच टीवीएफ की फेमस वेब सीरीज़ ट्रिपलिंग के जरिए सबको हंसाने वाले राजेश कृष्णनन अब दर्शकों के कॉमेडी फ़िल्म लूटकेस लेकर हाज़िर हैं। कुणाल खेमू, रशिका दुग्गल, विजय राज, गजराज राव और रणवीर शौरी जैसे बेहतरीन एक्टर्स से सज़ी फ़िल्म, उस स्तर तक नहीं पहुंच पाती है, जितना राजेश कृष्णनन से उम्मीद की जा सकती है।
क्या है फिल्म की कहानी
पूरी फिल्म की कहानी पैसों से भरे एक बैग के आस पास घूमती है। नंदन कुमार (कुणाल खेमू) नाम का एक मिडिल क्लास का आदमी प्रेस में काम करता है। जो बस ये चाहता है कि एक दिन उसे बेस्ट इम्पलॉई का अवॉर्ड दिया जाए। यही कारण है कि वह नाइट शिफ्ट तक के लिए तैयार रहता है। ऐसे में एक बार नाइट शिफ्ट के दौरान उसको पैसों से भरा बैग मिलता है जिसमें 10 करोड़ रुपये होते हैं।
लेकिन इस बैग के पीछे पहले से दो लोग पड़े हुए हैं।नंदन इन पैसों को संभालने में व्यस्त है। वह इसका जिक्र अपनी पत्नी से भी नहीं कर सकता है। नंदन से ये बैग वापस जाता है कि नहीं इसके लिए आपको फिल्म देखना होगा।
क्या है खास और कहां चूंकी
फिल्म में हर एक्टर का चुनाव और उसका किरदार उस पर काफी जंचता है। दिल्ली बेल्ही के बाद विजय राज एक बार फिर गैंगस्टर की भूमिका में दिखे हैं। नेता के किरदार में गजराज राव भी अपना कमाल दिखाते हैं। रणवीर शौरी एक भ्रस्ट लेकिन सख़्त पुलिस वाले के किरदार में हैं। उनको बार-बार देखने को दिल करता है। कुणाल खेमू परेशान आम आदमी नज़र आते हैं। टीएफ वाला तड़का पूरा आपको फिल्म में देखने को मिलेगा।
इससे पहले आप पैसे भरे बैग की पीछे को लेकर मचे चूहे बिल्ली के खेल को कई बॉलीवुड फ़िल्मों देख चुके हैं। फ़िल्म को देखते वक्त आपको दे दना दन जैसी फ़िल्मों की याद आती है
फिल्म का निर्देशन
निर्देशक राजेश कृष्णन एक मामले काफी हदतक सफ़ल हुए हैं, वह एक्टिंग को निकलाने में। सभी एक्टर्स का उन्होंने बखूबी इस्तेमाल किया है। हर छोटा-छोटा किरदार अपना इम्पैकट छोड़ जाता है। भले ही वह किरदार एक या दो सीन के लिए फ़िल्म में नज़र आया है।