एक सपने के सच होने जैसा लगता है अब तक का सफर: कार्तिक आर्यन

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 18, 2018 06:46 PM2018-06-18T18:46:02+5:302018-06-18T18:46:02+5:30

‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ के हिट होने के बाद कार्तिक आर्यन एक नए सेन्सेशन बनकर सामने आए हैं l

Kartik-Aaryan-Sonu-Ke-Titu-Ki-Sweety-interview | एक सपने के सच होने जैसा लगता है अब तक का सफर: कार्तिक आर्यन

एक सपने के सच होने जैसा लगता है अब तक का सफर: कार्तिक आर्यन

जब तक ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ रिलीज नहीं हुई थी, तब तक कार्तिक आर्यन को कोई पहचानता नहीं था. मगर आज उन्हें देखते ही उनके इर्द-गिर्द भीड़ जमा होते देर नहीं लगती है. असल में, यह सारा कमाल ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ का है. जैसे ही इस फिल्म ने 100 करोड़ वाले क्लब में एंट्री ली, कार्तिक आर्यन एक नए सेन्सेशन बनकर सामने आए. जाहिर है आज उनके हौसले बुलंद हैं. ताजा मुलाकात में उन्होंने अपने बारे में काफी कुछ विस्तार से बताया. प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश.

हमारी पहली मुलाकात है. अपने बारे में शुरू से बताइए?

कार्तिक आर्यन: मैं ग्वालियर के एक मध्यवर्गीय परिवार का लड़का हूं. बचपन से ही फिल्मों में काम करने का शौक था. स्कूली शिक्षा के बाद दिल्ली के एक कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन मेरा असली उद्देश्य था फिल्मों में अभिनय करना. दिल्ली में इसकी संभावना कम रहती है. इसलिए मैंने मुंबई के डीवाई पाटिल इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले ली. कॉलेज में अटेंडेंस का कोई दबाव नहीं होता था. इसलिए दिन भर लोकल ट्रेन पकड़ कर इधर-उधर आॅडिशन देने के लिए भागता फिरता था. बैग में दो कमीज लेकर घूमता था. आॅडिशन से पहले स्टेशन पर ही फेसवॉश से मुंह धो लेता था. छह माह इस तरह बिताने के बाद ‘प्यार का पंचनामा’ का आॅफर मिला. 

सात साल में केवल छह फिल्में. इनमें से ‘प्यार का पंचनामा’ और उसका सीक्वल हिट था. ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ की बात ही अलग है. फिर भी कार्तिक आर्यन इंडस्ट्री में इतने अपरिचित क्यों बने रहे?

कार्तिक आर्यन: गलत पीआर की वजह से. ये जो लोग नेपोटिज्म को लेकर इतनी बातें कर रहे हैं, मुझे लगता है बाहर से जो लोग इंडस्ट्री में स्ट्रगल करने आते हैं उनके लिए छोटी-छोटी व्यावसायिक बातें समझना बहुत दबाव की बात होती है. किस तरह पीआर करना चाहिए, कौन अच्छा पीआर करते हैं, यह सब समझते-समझते ही कई साल बीत गए. ‘सोनू के टीटू..’ ने सौ करोड़ का बिजनेस किया है इस वजह से लोग अब मुझे तवज्जो दे रहे हैं. वैसे ‘प्यार का पंचनामा’ सीरीज ने भी बहुत अच्छा बिजनेस किया था. लेकिन मेरा पीआर खराब था, इसलिए तब मैं लाइम लाइट में नहीं आ पाया. आज देखिए कई अभिनेता बॉक्स आॅफिस पर सफल नहीं हैं. लेकिन वे किस तरह खबरों में बने रहते हैं. 

पीआर खराब होने पर खबरों में बने रहना मुश्किल होता है, पर क्या इस वजह से फिल्मों के आॅफर भी कम आते हैं?

कार्तिक आर्यन: बिल्कुल. इसकी वजह भी हम ही हैं. मैंने तय किया कि हर साल एक फिल्म करूंगा. लेकिन अब ऐसा लगता है कि इतना कम काम करने पर लोग मुझे याद नहीं करेंगे. ‘सोनू के टीटू..’ के बाद अब उन प्रोडक्शन हाउस से बुलावा आ रहा है जो मुझे पहले कभी नहीं बुलाते थे. पर यह हरगिज मत समझिएगा कि मुझे जो काम आॅफर हो रहा है, उसे लपक रहा हूं. मैं बहुत सोच-समझ कर ही कोई फिल्म साइन कर रहा हूं. 

लव रंजन की फिल्में एक खास स्टाइल की होती हैं. आपको नहीं लगता कि उनकी फिल्मों ने आपको स्टिरियोटाइप कर दिया है?

कार्तिक आर्यन: देखिए मैंने लव रंजन के निर्देशन में ‘आकाशवाणी’ भी की है. यह मैरिटल रेप बेस्ड फिल्म है. फिर सुभाष घई की ‘कांची’ में भी काम किया है, जो एक नारीप्रधान फिल्म है. लेकिन उन फिल्मों ने अच्छा बिजनेस नहीं किया था. इसका मतलब यह हुआ कि लोग ‘सोनू के टीटू़. ’ जैसी फिल्में देखना पसंद करते हैं. वैसे ‘प्यार का पंचनामा’ या ‘सोनू के टीटू..’ में जिन घटनाओं को चित्रित किया गया है, वे घटनाएं प्राय: हमारे जनरेशन में देखने को मिलती हैं. मेरी लगभग हर फिल्म में नारी विरोधी मोनोलॉग था और उन दृश्यों का थिएटर में तालियों की गड़गड़हट से स्वागत भी हुआ. लेकिन लगता नहीं है कि मैं सेक्सिस्ट हूं. इसलिए मेरे निर्देशक का जो विजन था, मैंने सिर्फ उसे मानकर अभिनय किया है 

क्या आपको लगता है ‘सोनू के टीटू..’ के बाद आपकी इमेज बदलेगी?

कार्तिक आर्यन: पहले मेरी एक चॉकलेट ब्वॉय की इमेज थी. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मैंने बहुत कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था. कॉलेज के थर्ड ईयर में. अब चेहरे पर परिपक्वता आई है. फिटनेस का खास ख्याल रखता हूं. अच्छे परिधान कैरी कर पाता हूं. ‘सोनू के टीटू..’ में मेरा किरदार थोड़ा-सा प्लेब्वॉय टाइप था. थोड़ी-सी धूर्तता भी दिखाई गई है, इसलिए अब लोग मुझे हॉट चॉकलेट ब्वॉय भी बोल रहे हैं 

पढ़ाई के लिए मुंबई आए और एक्टर बन गए. इसमें परिवार की कितनी मदद मिली?

कार्तिक आर्यन: घर में तो कोई जानता ही नहीं था कि मैं पढ़ाई-लिखाई के बहाने मुंबई आकर एक्टिंग के लिए स्ट्रगल कर रहा हूं. पापा तो इतना खुश हैं कि उनका बेटा हीरो बन गया है, लेकिन मां जरूर अब भी महसूस करती हंै कि हीरो बन कर मंैने जीवन में बहुत बड़ा रिस्क उठाया है. वैसे मम्मी-पापा को मैंने निराश नहीं किया है. एक्टिंग करते-करते ही मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है.  

आप ज्यादातर फिल्मों में गलत प्रेमिका का चुनाव करते हैं. क्या निजी जीवन में भी आपको कुछ ऐसा अनुभव हुआ है?

कार्तिक आर्यन: बिल्कुल हुआ है. बहुत सारी लड़कियों के साथ मेरा रिश्ता था. इसलिए ‘प्यार का पंचनामा’ या ‘सोनू के टीटू..’ की कई घटनाओं के साथ अपने आपको रिलेट कर पाया हूं.

निजी जीवन में आप सोनू हैं या टीटू?

कार्तिक आर्यन: दोनों ही हूं. कभी मैं सोनू जो दोस्तों के मामले में काफी पजेसिव है, की तरह जो दोस्त गलत रिश्ते में पड़ जाता है उसे सावधान करता हूं, उससे झगड़ा करता हूं. कभी मैं टीटू की तरह हूं, जो दोस्त या प्यार के बीच चुनने के लिए बाध्य हो जाता है. एक बार मैं एक लड़की के प्यार में गिरफ्तार हो गया था, जिसे मेरा बेस्ट फ्रेंड बिल्कुल पसंद नहीं करता था. वह बार-बार मुझसे कहता था कि यह लड़की तुम्हारे लिए ठीक नहीं है. कुछ माह बाद उसकी भविष्यवाणी सच साबित हुई थी. 

क्या आप ऐश्वर्या राय और करण जौहर के साथ भी फिल्में कर रहे हैं?

कार्तिक आर्यन: उन फिल्मों के बारे में बात करने का समय अभी नहीं आया है. उनके बारे में अभीे निर्माता या निर्देशक ही बता सकते हैं.

क्या मसाला फिल्मों से बाहर निकलने की इच्छा होती है?

कार्तिक आर्यन: मैं कमर्शियल या पैरेलल इस तरह अलग से नहीं सोचता हूं. वैसे बहुत सारे अलग तरह के किरदार करने की इच्छा है. नेगेटिव रोल में अपने आपको एक्सप्लोर करना चाहता हूं. रणबीर कपूर के ‘रॉकस्टार’ वाला किरदार निभाना चाहता हूं. फिर कई बार ऐसा लगता है कि काश मैं ‘ये जवानी है दीवानी’ का कबीर बन पाता. आलिया भट्ट के साथ काम करने की इच्छा है. मुझे लगता है वह इस दौर की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं.  

2011 में आपने करियर शुरू किया था. आज 2018 में क्या आप अपने आपको सफल मानते हैं?

कार्तिक आर्यन: ऐसा लगता है कि मैं अपनी पहचान जहां चाहता था, वहां से कुछ कदम आगे बढ़ पाया हूं. 18 साल की उम्र से मैं मुबई में हूं. इस शहर में किसी एक फील्ड में अपने पैरों पर खड़े होना वाकई मुश्किल है. बाहर से आकर मैं जो कुछ कर पाया हूं, यह मेरी बड़ी उपलब्धि है. अभी हाल में मैंने बीएमडब्ल्यू गाड़ी खरीदी है. अभी तक का सफर एक सपने के सच होने जैसा ही लगता है. 

इन दिनों मॉडल डिंपल शर्मा के साथ आपके अफेयर की खबरें उड़ने लगी हैं?

कार्तिक आर्यन: लगता है मेरे बारे में आप बहुत होमवर्क करके आए हैं. लेकिन खैर, मैं किसी का नाम तो नहीं लूंगा. पर इतना जरूर कहूंगा कि मैं एक रिश्ते में जरूर हूं. प्लीज इस बारे में और मत पूछिए. 

English summary :
Sonu Ke Titu Ki Sweety actor Kartik Aaryan shares his journey from small town Gwalior to Mumbai and how he turned his dream to act in Hindi films into reality.


Web Title: Kartik-Aaryan-Sonu-Ke-Titu-Ki-Sweety-interview

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